नई दिल्ली, 3 फरवरी 2025: लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर एक विवादास्पद दावा किया, जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद विदेश मंत्री ने उनके बयान को खारिज करते हुए जवाब दिया है।
राहुल गांधी का आरोप
राहुल गांधी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान दिए अपने संबोधन में कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने के लिए कई बार अमेरिका का दौरा किया। उन्होंने कहा, “अगर हमारे पास प्रोडक्शन सिस्टम होता और हम इन टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे होते, तो अमेरिकी राष्ट्रपति खुद आकर यहां प्रधानमंत्री को निमंत्रण देते।”
राहुल ने आगे कहा, “अगर अमेरिका की बात करें, तो अमेरिका के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण का निमंत्रण प्रधानमंत्री को दिलाने के लिए हम अपने विदेश मंत्री को नहीं भेजते। हम उन्हें 3-4 बार अमेरिका नहीं भेजते कि प्लीज हमारे प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजिए।”
जयशंकर का जवाब
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनका बयान राजनीति से प्रेरित है। जयशंकर ने कहा, “विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 के मेरे अमेरिका दौरे के बारे में जानबूझकर झूठ बोला। मैं बाइडन प्रशासन के विदेश मंत्री और एनएसए से मिलने गया था। साथ ही हमारे महावाणिज्य दूत की एक सभा की अध्यक्षता भी की।”
जयशंकर ने आगे कहा, “मेरे प्रवास के दौरान नामित एनएसए सदस्य ने भी मुझसे मुलाकात की। प्रधानमंत्री को निमंत्रण मिलने से जुड़ी कोई चर्चा नहीं हुई। ये सामान्य ज्ञान है कि पीएम ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते। वास्तव में, भारत का प्रतिनिधित्व आम तौर पर विशेष दूतों द्वारा किया जाता है।”
राजनीतिक विवाद
जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी के झूठ का उद्देश्य राजनीतिक हो सकता है, लेकिन इससे विदेशों में भारत की छवि को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों से देश की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इस बयान के बाद संसद में तीखी बहस छिड़ गई, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते नजर आए। विपक्ष ने जयशंकर के बयान को सफाई बताया, जबकि सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी के बयान को देश की छवि को धूमिल करने का प्रयास करार दिया।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में गर्माहट ला दी है और दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया है। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या होता है और क्या यह विवाद संसद के अगले सत्र तक खिंचेगा।