आज समस्त राजस्थान के प्रत्येक ग्राम पंचायत में ई-मित्र प्लस ऑपरेटर द्वारा काली पट्टी बांधकर कार्य बहिष्कार किया गया वह सरकार को यह आगाह किया कि अगर आचार संहिता से पहले सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं की तो आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. हम समस्त 11341 ईमित्र प्लस ऑपरेटर आने वाले चुनाव में वोट की चोट से वर्तमान पार्टी को जवाब देंगे राजस्थान ई मित्र संघ समिति के बैनर तले अनेकों आंदोलन करने के बावजूद आज तक सरकार ने किसी भी मांग पर आज तक ध्यान नहीं दिया.
लगातार 38 दिन बेरोजगार संग समिति राजस्थान के अध्यक्ष उपेन यादव ने नेतृत्व ने गुजरात चुनाव के वक्त पालनपुर से अहमदाबाद तक डांडी यात्रा कर के आंदोलन करने के बाद मुख्यमंत्री जी मुलाकात होने पर भरोसा दिया गया लेकिन उस पर आज तक कोई ठोस नतीजे तक सरकार नही पहुंची! बाईस गोदाम हो शहीद स्मारक हो ऐसे सैकड़ों आंदोलन के बावजूद अभी तक ई मित्र प्लस ऑपरेटरों की मुख्य मांगो पर विचार नहीं किया गया ज्ञात हो लगातार 2014 से आज तक ई मित्र प्लस ऑपरेटर बिना किसी मानदेय के कार्य कर रहे है जो कि राजस्थान न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 का उलंघन है उल्टा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 12 बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य ई मित्र प्लस ऑपरेटरों से लगवाई गई यदि किसी ने 12 उपस्थिति नही लगाई तो उस पर पेनल्टी के नाम पर हजारों रुपए वसूले गए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर के हर पंचायत में एक प्लस मशीन को लगाया गया जिसको संचालित करने की जिम्मेवारी इन्ही ऑपरेटरों को दी गई उसके बाद कही बार मानदेय का आदेश भी जारी किया गया लेकिन आज तक कभी एक पैसा नही दिया गया!
उन्होंने बताया कि यदि सरकार आचार संहिता लगने से पहले हमारी मांगों पर कोई विचार नहीं करती है तो हम कांग्रेस की प्रदेश भर में जो भी सभा होगी उसका बहिष्कार करके सरकार को वोट की चोट करेंगे और साथ ही साथ ये भी बताया गया की ई मित्र ऑपरेटर ने सरकार के द्वारा हो रही सभी बेबकास्टिंग हो या महंगाई राहत शिविरों में बिना किसी मानदेय के बढ़ चढ़कर काम किया तो हमारे खिलाफ सरकार दोहरा मापदंड और भेदभाव क्यों कर रही है सरकार की महत्वाकांक्षी योजना चिरंजीवी योजना को धरातल पर उतारने का काम हो चाहे जन आधार वितरण का कार्य हो वृद्धावस्था विकलांग या विधवा पेंशन हो ऐसे सरकार के अनेकों कार्य आज तक हम बिना किसी मानदेय के कर रहे है इसलिए सरकार से यही अपेक्षा करते है की आचार संहिता लगने से पहले हमारी मुख्य मांगो पर सरकार निर्णय लेगी !
राजस्थान ग्राम पंचायत ईमित्र संचालक संघ समिति के प्रदेश अध्यक्ष मानसिंह राठौर ने कहा कि हमारी मुख्य मांगो को लेकर अनेकों बार कही मंत्रियों से बड़े अधिकारियों से मुलाकात की लेकिन हर बार हमे आश्वाशन के अलावा कुछ भी नही मिला इसलिए एक बार फिर और अंतिम बार हम सरकार को चेताना चाहते है कि सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो ई प्लस ऑपरेटर घर घर जाकर जैसे पेंशन वितरण करते है उसी तरह सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे क्योंकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ई मित्र प्लस ऑपरेटर लोगो को आपसी जोड़ की मुख्य धूरी है साथ ही साथ राठौड़ ने कहा कि पूरे राजस्थान में हम एक करोड़ से एक करोड़ पच्चीस लाख वोटों को प्रभावित करते है अभी भी हम सरकार से यही मांग करेंगे मुख्यमंत्री के शब्दो के अनुसार ”आप मांगते मांगते थक जाओगे में देते देते नही थकूंगा” का उल्टा हमारे साथ ” हम अपना हक मांगते मांगते थक गए” लेकिन सरकार भेदभाव पूर्ण रवैया कर रही है !
सरकार ये भेदभाव पूर्ण रवैया बंद करे और 8 साल से बिना मानदेय कार्य कर रहे प्लस ऑपरेटर की मांगो पर विचार करे ! एक सर्वे में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए इस सर्वे में दिखाया गया यदि ई मित्र प्लस ऑपरेटर की मांगो पर विचार नहीं किया गया तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक हजार से ग्यारह सौ वोटों को प्रभावित करने की क्षमता रखते है जो सरकार को उखाड़ फेंकने या परिवर्तन या रिपीट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है
