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सोमवती अमावस्या में करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक, जानिए पीपल की पूजा का महत्व और पूजन विधि के बारे में जानें

सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को पड़ती है। इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। इस दिन विवाहित महिलाएं भी अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं इस दिन सुहागिन महिलाएं भी अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है और पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं. जिससे शुभ फल की प्राप्ति होती है.

अमावस्या पर पीपल पूजा का महत्व 

त्रिदेव पीपल के पेड़ में रहते हैं।

जड़ में जल और दूध देना चाहिए और फूल, अक्षत, चंदन आदि की पूजा करनी चाहिए।

पीपल के पेड़ को 108 बार धागे से लपेटना चाहिए।

पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए।

इसके बाद दान करना भी शुभ माना जाता है.

इन नियमों का पालन करने से पितृ दोष, गृह दोष और शनि दोष दूर होते हैं, परिवार में सुख-शांति आती है।

सोमवती अमावस्या का व्रत पूरे विधि-विधान से करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि इस दिन पूजा कैसे करनी चाहिए।

सोमवती अमावस्या में पूजन विधि

ब्रह्म मुहूर्त में प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर लें।

इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।

सोमवती अमावस्या के दिसोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान का अधिक महत्व है. इसलिए गंगा स्नान जरूर करें।

यदि आप नहाने में असमर्थ हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करे।

सोमवती अमावस्या के दिन विवाहित महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं।

सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है, माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से चंद्रमा मजबूत होता है।

इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

पितरों का तर्पण करना चाहिए और मोक्ष की कामना करनी चाहिए।

जब पूजा की बात आती है, तो गरीबों या जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र देना चाहिए।

इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।

Rajeev Kushwaha
Author: Rajeev Kushwaha

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