डूंगरपुर, राजस्थान: राजस्थान के डूंगरपुर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में शुक्रवार को घटी एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। 13 साल की एक मासूम बच्ची का शव उसके घर में फंदे से लटका मिला। बाहर उसका छोटा भाई दरवाजा खटखटाता रहा, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। यह घटना शहर में चर्चा का विषय बन गई है और हर किसी को गहरे शोक में डाल दिया है।
घटना का विवरण
फलोज गांव निवासी परिवार की बेटी, जो सातवीं कक्षा में पढ़ती थी, उस दिन पेट दर्द की शिकायत के कारण स्कूल से जल्दी घर आ गई थी। उसका छोटा भाई स्कूल से लौटकर घर आया तो दरवाजा अंदर से बंद था। छोटे भाई ने बार-बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। घबराकर उसने पड़ोसियों को बुलाया। छत का दरवाजा खुला था, जिससे पड़ोसी घर के अंदर दाखिल हुए। अंदर का नज़ारा देखकर वे सन्न रह गए—मासूम बच्ची का शव फंदे से लटक रहा था।
परिवार और पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही बच्ची के परिजन और पुलिस मौके पर पहुंचे और शव को नीचे उतारकर फोरेंसिक टीम को बुलाया गया। जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। हालांकि अब तक आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है।पड़ोसियों ने बताया कि परिवार बेहद साधारण और खुशहाल था। इस घटना ने उन्हें गहरे सदमे में डाल दिया है।
इस हादसे ने सबसे गहरा घाव उस मासूम भाई के दिल पर छोड़ा है, जो दरवाजे के बाहर अपनी बहन को पुकारता रहा। दरवाजे के दूसरी तरफ एक खामोशी थी, जिसने पूरे परिवार और मोहल्ले को मातम में डुबो दिया। घटना की खबर फैलते ही डूंगरपुर में शोक की लहर दौड़ गई। मृतका के घर पर रिश्तेदारों और परिचितों का तांता लग गया। हर किसी के मन में यही सवाल था कि आखिर इतनी छोटी बच्ची ने ऐसा कदम क्यों उठाया?
पुलिस की अपील
डूंगरपुर पुलिस ने लोगों से इस मामले को लेकर अफवाह न फैलाने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा है कि वे हर पहलू से जांच कर रहे हैं और जल्द ही मामले की सच्चाई सामने लाएंगे। इस घटना ने बाल मनोविज्ञान पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों की मानसिक स्थिति और भावनात्मक समस्याओं को समझने की जरूरत है। क्या मासूम बच्ची ने अपने दिल की बात किसी से साझा करने की कोशिश की थी, जिसे कोई सुन नहीं पाया?
यह घटना हर माता-पिता और परिवार को बच्चों की भावनाओं को समझने और उनके साथ संवाद स्थापित करने की अहमियत बताती है। डूंगरपुर का यह दर्दनाक किस्सा सभी को सोचने पर मजबूर कर गया है।