झुंझुनू में हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के विरोध में किसानों और पुलिस के बीच सोमवार को टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। बड़ी संख्या में एकत्रित हुए किसानों ने प्रशासन और कंपनियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर लगाए गए पुलिस बैरिकेड्स को हटाते हुए परिसर में प्रवेश का प्रयास किया।
किसानों का आरोप: फसलों को होगा भारी नुकसान
किसानों का कहना है कि उनके खेतों में हाईटेंशन लाइन के तार बिछाने से उनकी फसलों को भारी नुकसान होगा। प्रदर्शनकारी किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन और संबंधित कंपनियों ने मुआवजे को लेकर अब तक कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाई है। महिला प्रदर्शनकारियों ने भी कलेक्ट्रेट गेट पर चढ़कर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
किसानों की मांगें
किसानों ने निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
1. प्रभावित किसानों को सर्वे और अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं।
2. तहसील स्तर के राजस्व अधिकारियों और कंपनी प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर फसल और जमीन का उचित मुआवजा तय किया जाए।
3. मुआवजा राशि पिछले पांच वर्षों के अधिकतम मुआवजे और किसानों की सहमति के आधार पर सुनिश्चित की जाए।
किसान संघर्ष समिति की चेतावनी
किसान संघर्ष समिति ने प्रशासन और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन के दौरान किसी भी प्रकार के नुकसान की जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी।
प्रशासन-पुलिस की कोशिशें
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की और किसानों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि, किसानों के उग्र रुख के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से अपनी मांगों को जल्द से जल्द मानने की अपील की और आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते हुए कामकाज बंद कराने की धमकी भी दी है।
स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में
प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा और जल्द ही समाधान निकालने के प्रयास किए जाएंगे। फिलहाल, स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है।