बिहार की सियासत में एक बार फिर से गर्मी बढ़ गई है। लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई सुभाष यादव ने लालू परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। सुभाष यादव का कहना है कि आरजेडी शासनकाल में मुख्यमंत्री आवास से अपहरण और फिरौती के मामलों की डील होती थी, और ये सारी बातचीत लालू यादव खुद करते थे।
सुभाष यादव ने खुलासा किया कि जब लालू यादव मुख्यमंत्री थे, तब वे मुख्यमंत्री आवास में अपराधियों को संरक्षण देते थे और अपहरण के मामलों में मध्यस्थता कर लोगों को छुड़वाने का काम करते थे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लालू यादव ने अपनी बेटी की शादी के दौरान पटना के गाड़ियों के शोरूम से गाड़ियाँ मंगवाईं, जिनका उन्होंने विरोध किया था, लेकिन फिर भी यह सब हुआ।
इस बयान के बाद, आरजेडी ने इसे सिरे से नकारते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश बताया है। पार्टी का कहना है कि सुभाष यादव के आरोप पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं।
लालू यादव के साले सुभाष यादव और उनके भाई साधु यादव का बिहार की राजनीति में दबदबा रहा है। राबड़ी देवी और लालू यादव के शासनकाल में सुभाष यादव को सरकार का दायां हाथ माना जाता था। लेकिन जैसे ही लालू यादव बिहार की सत्ता से बाहर हुए, उनके रिश्ते सुभाष यादव से भी खराब हो गए और अब सुभाष ने परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
यह मामला बिहार की सियासत में नया मोड़ ला सकता है, और इससे राजनीतिक माहौल में और भी हलचल मचने की संभावना है।
