21 फरवरी 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूसरा प्रधान सचिव (प्रधान सचिव-2) नियुक्त किया गया है। सरकारी आदेश के अनुसार, यह नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक जारी रहेगी। वर्तमान में गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पी.के. मिश्रा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत हैं।
क्या कहता है सरकारी आदेश?
सरकारी आदेश में कहा गया है, “मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शक्तिकांत दास, आईएएस (सेवानिवृत्त) को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी है। उनकी नियुक्ति पदभार ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगी।” दास ने एक सिविल सेवक के रूप में वित्त, कराधान, निवेश और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में व्यापक अनुभव हासिल किया है।
कौन हैं शक्तिकांत दास?
शक्तिकांत दास आरबीआई के 25वें गवर्नर रह चुके हैं। उन्होंने 11 दिसंबर 2018 को उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफे के बाद आरबीआई की कमान संभाली थी। दास ने आरबीआई के गवर्नर के रूप में अपने कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने और कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गवर्नर बनने से पहले दास आर्थिक मामलों के सचिव और जी20 में भारत के शेरपा के रूप में भी काम कर चुके हैं। वह 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने 15वें वित्त आयोग के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है।
प्रधान सचिव का क्या होता है काम?
प्रधान सचिव प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का सबसे वरिष्ठ अधिकारी होता है। यह पद प्रधानमंत्री को नीतिगत और प्रशासनिक मामलों में सहायता प्रदान करने के लिए होता है। प्रधान सचिव प्रधानमंत्री के साथ निकटता से काम करता है और सरकार की प्रमुख नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह नियुक्ति?
शक्तिकांत दास की नियुक्ति को प्रधानमंत्री कार्यालय में आर्थिक और वित्तीय मामलों में विशेषज्ञता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दास का व्यापक अनुभव और आर्थिक नीतियों में उनकी गहरी समझ सरकार को वैश्विक और घरेलू आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकती है।
आगे क्या होगा?
शक्तिकांत दास की नियुक्ति के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय में दो प्रधान सचिव हो गए हैं। यह कदम सरकार की प्रशासनिक और नीतिगत कार्यप्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है। अब देखना है कि दास अपने नए भूमिका में कैसे प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार की नीतियों को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।
इस नियुक्ति के साथ ही शक्तिकांत दास एक बार फिर देश की सेवा में जुट गए हैं। उनके नेतृत्व और अनुभव का लाभ अब प्रधानमंत्री कार्यालय को मिलेगा, जो सरकार की प्राथमिकताओं और योजनाओं को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
