पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी देखी जा रही है। इस बाजार पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से जुड़े फैसलों का बड़ा असर पड़ा है। हाल ही में व्हाइट हाउस में आयोजित क्रिप्टो समिट में इस सेगमेंट से जुड़े रेगुलेशंस पर चर्चा की गई। इस समिट में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की क्रिप्टो टास्क फोर्स को इस क्षेत्र के लिए नए रेगुलेशंस बनाने का निर्देश दिया गया है।
ट्रंप का बाइडेन सरकार पर हमला
समिट में ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार द्वारा बड़ी संख्या में बिटकॉइन बेचने के फैसले की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे “बेवकूफी” करार दिया और कहा कि अमेरिकी सरकार इस सेगमेंट के खिलाफ ब्यूरोक्रेसी की लड़ाई को समाप्त करने के लिए कदम उठा रही है। ट्रंप ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी सरकार ने हजारों बिटकॉइन बेचे हैं, जिनकी वैल्यू अरबों डॉलर थी। यह बाइडेन सरकार के दौरान हुआ है।”
क्रिप्टो समिट के प्रमुख प्रतिभागी
इस समिट में ब्लॉकचेन फर्म Chainlink के को-फाउंडर सर्गेई नजारोव समेत कई बड़ी क्रिप्टो कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी, ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारी और सांसद भी शामिल हुए। समिट में क्रिप्टो इंडस्ट्री को रेगुलेट करने और इसे अधिक संरचित करने पर विचार-विमर्श किया गया।
क्रिप्टो रिजर्व बनाने की योजना
ट्रंप ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसीज का एक स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने की घोषणा की, जिसमें Bitcoin, Ether, Solana और XRP जैसी डिजिटल करेंसियां शामिल होंगी। इसका उद्देश्य क्रिप्टो मार्केट को स्थिरता और बढ़ावा देना है। इस निर्णय से क्रिप्टो बाजार में बड़े बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है।
डिजिटल एसेट्स पर एग्जिक्यूटिव ऑर्डर
इससे पहले, ट्रंप ने डिजिटल एसेट्स से जुड़े एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए थे। उन्होंने कहा, “अमेरिका के क्रिप्टो रिजर्व से पूर्व की बाइडेन सरकार के भ्रष्ट हमलों के बाद इस सेगमेंट को बढ़ावा मिलेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को दुनिया की क्रिप्टो राजधानी बनाने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।
फेडरल रिजर्व की असहमति
हालांकि, अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने बिटकॉइन रिजर्व बनाने की योजना पर असहमति जताई है। फेडरल रिजर्व का मानना है कि इस तरह के कदम से आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। लेकिन ट्रंप प्रशासन इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहा है। ट्रंप की यह पहल अमेरिका को क्रिप्टो इंडस्ट्री में अग्रणी बना सकती है और ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट पर गहरा असर डाल सकती है।
