भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से धरती पर लौटने के लिए तैयार हैं। यह स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अनडॉक हो चुका है और बुधवार सुबह 3:30 बजे भारतीय समयानुसार लैंड करेगा। नासा ने इस मिशन का शेड्यूल जारी किया है, लेकिन मौसम की स्थिति के आधार पर इसमें बदलाव संभव है।
लाइव देखें सुनीता विलियम्स की वापसी
सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मर, निक हेग और एलेक्जेंडर गोर्बुनोव पिछले साल जून से अंतरिक्ष में थे। अब वे धरती पर लौटने के लिए तैयार हैं। वापसी की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होगी:
- अंतरिक्ष यात्रियों को प्रेशर सूट पहनना होगा।
- स्पेसक्राफ्ट के हैच बंद किए जाएंगे और लीकेज चेकिंग होगी।
- स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग मंगलवार सुबह 10:35 बजे होगी।
- यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटिक होगी और पहले ISS से जोड़ने वाले लॉक खोले जाएंगे।
- थ्रस्टर की मदद से स्पेसक्राफ्ट अलग होगा।
डीऑर्बिट बर्न प्रक्रिया और स्प्लैशडाउन
धरती के वायुमंडल में प्रवेश से पहले डीऑर्बिट बर्न प्रक्रिया शुरू होगी। यह बुधवार तड़के 2:41 बजे होगी, जिसमें इंजन फायर कर स्पेसक्राफ्ट की गति को नियंत्रित किया जाएगा। जब स्पेसक्राफ्ट वायुमंडल में प्रवेश करेगा, तब इसकी गति करीब 27,000 किमी/घंटा होगी।
- लैंडिंग से पहले 18,000 फीट की ऊंचाई पर दो ड्रैग पैराशूट खुलेंगे।
- 6,000 फीट पर मुख्य पैराशूट सक्रिय होंगे।
- स्पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा।
- खराब मौसम की स्थिति में लैंडिंग लोकेशन बदली जा सकती है।
सुनीता विलियम्स: भारतीय मूल की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्री
सुनीता विलियम्स पहले भी कई अंतरिक्ष अभियानों का हिस्सा रह चुकी हैं और स्पेस में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली महिला अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं। उनकी वापसी के साथ एक और सफल अंतरिक्ष मिशन अपने अंतिम चरण में पहुंच जाएगा।
नासा और स्पेसएक्स के इस ऐतिहासिक मिशन में पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। इस मिशन की सफलता से भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए नए रास्ते खुल सकते हैं।
