जयपुर, 19 मार्च 2025: देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के मामले में गिरफ्तार निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
सरकारी वकील ने अदालत में तर्क दिया कि किसी जनप्रतिनिधि द्वारा सरकारी अधिकारी के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार न केवल कानून व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि समाज में भी गलत संदेश जाता है। दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने इसे एक सामान्य घटना बताते हुए जमानत की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधिपति अनिल कुमार उपवन ने जमानत याचिका नामंजूर कर दी।
सुनवाई में देरी के बाद आया फैसला
इस मामले की पहली सुनवाई 12 मार्च को हुई थी, लेकिन व्यस्तता के चलते इसे 19 मार्च तक टाल दिया गया था। मंगलवार को हुई सुनवाई में भी देरी हुई, लेकिन अंततः अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया।
कैसे हुआ था पूरा विवाद?
यह घटना 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दौरान हुई थी। समरावता गांव के लोगों ने अपने गांव को उनियारा उपखंड में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए ग्रामीणों के साथ धरना दिया था।
बाद में जब खबर मिली कि प्रशासन ने तीन लोगों को जबरन मतदान करने के लिए मजबूर किया, तो गुस्से में आकर नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। अगले दिन, 14 नवंबर को पुलिस ने उन्हें धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया।
आगे की रणनीति क्या होगी?
जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब नरेश मीणा को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। उनके वकील ने संकेत दिया है कि वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। इस घटना को लेकर राजनीतिक हलकों में भी लगातार चर्चा बनी हुई है, जिससे यह मामला और तूल पकड़ सकता है।
