जोधपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा तत्कालीन मेवाड़ रियासत के नरेश महाराणा सांगा पर की गई अमर्यादित टिप्पणी के खिलाफ सोमवार को मारवाड़ राजपूत सभा ने जोधपुर में विशाल विरोध मार्च निकाला। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। पावटा बी रोड स्थित सभा भवन से कलक्ट्रेट तक निकाले गए इस मार्च के बाद उपराष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में सांसद की राज्यसभा सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द करने और उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी को राज्यसभा की कार्यवाही से हटाने की मांग की गई।
सांसद के बयान से बढ़ा विवाद
मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमानसिंह खांगटा ने बताया कि 22 मार्च को राज्यसभा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने महाराणा सांगा के खिलाफ न केवल अपमानजनक, बल्कि ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत टिप्पणी की। खांगटा ने कहा कि इस बयान ने न केवल महाराणा सांगा के सम्मान को ठेस पहुंचाई है, बल्कि देशवासियों की भावनाओं को भी आहत किया है।
इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप
खांगटा ने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, बाबर को भारत में बुलाने का कार्य दौलत खान ने किया था, न कि महाराणा सांगा ने। उन्होंने बताया कि महाराणा सांगा ने अपने पूरे जीवनकाल में भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ वीरता का प्रदर्शन किया। ऐसे में सांसद का बयान इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने के समान है।
राजनीतिक गलियारों में गरमाई बहस
सपा सांसद के बयान के बाद राजस्थान में सियासी पारा चढ़ गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों के कई दिग्गज नेताओं ने इस बयान की निंदा की है। भाजपा नेताओं ने इसे सपा की मानसिकता का परिचायक बताया, जबकि कांग्रेस ने भी इस टिप्पणी को अनुचित करार दिया।
राजपूत सभा की चेतावनी
मारवाड़ राजपूत सभा ने चेतावनी दी है कि अगर सांसद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि महाराणा सांगा सिर्फ एक ऐतिहासिक शख्सियत ही नहीं, बल्कि लाखों लोगों की आस्था और प्रेरणा के स्रोत हैं। ऐसे में उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
सरकार से कार्रवाई की मांग
विरोध प्रदर्शन के बाद सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि सांसद रामजीलाल सुमन की राज्यसभा सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाए और उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी को राज्यसभा की कार्यवाही से हटाया जाए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो विरोध और तेज किया जाएगा। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार और संसद इस पूरे मामले पर क्या रुख अपनाते हैं।
