राजस्थान में लगातार बढ़ती भीषण गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए, शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर के सभी विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के मद्देनजर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। विभाग का उद्देश्य है कि बच्चों को गर्मी के प्रभाव से बचाते हुए उन्हें सुरक्षित और अनुकूल वातावरण में शिक्षा प्रदान की जाए।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी स्कूलों में कक्षाओं के भीतर पंखों की समुचित व्यवस्था और छाया (शेड) सुनिश्चित की जाएगी, ताकि बच्चे ठंडी और सुरक्षित जगह पर पढ़ाई कर सकें। इसके साथ ही, शुद्ध और शीतल पेयजल की उपलब्धता अनिवार्य की गई है। विद्यालय परिसर में छोटे ब्रेक के दौरान ‘वाटर बेल’ बजाई जाएगी, ताकि सभी छात्र समय पर पानी पी सकें और डिहाइड्रेशन से बचाव हो सके।
आपात स्थितियों से निपटने के लिए प्रत्येक विद्यालय में प्राथमिक उपचार किट, आवश्यक दवाइयां और ORS किट भी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे किसी भी आकस्मिक स्वास्थ्य समस्या के दौरान तुरंत उपचार संभव होगा।
गर्मी को ध्यान में रखते हुए, विद्यालयों में सभी प्रकार की बाहरी गतिविधियां जैसे पी.टी., ओपन कैंप और खेलकूद को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। बच्चों को खुले मैदान या धूप में खेलने से भी रोका जाएगा। साथ ही, शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमित रूप से बच्चों को गर्मी से बचाव के उपायों की जानकारी दें और विशेष रूप से छोटे बच्चों पर विशेष निगरानी रखें।
शिक्षा विभाग की यह पहल विद्यार्थियों की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम मानी जा रही है। इससे न केवल छात्रों को एक सुरक्षित और स्वास्थ्यकर वातावरण मिलेगा, बल्कि अभिभावकों की चिंता भी कुछ हद तक कम होगी।
