जयपुर, 17 अप्रैल 2025 — कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी अब राजस्थान में पार्टी संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की दिशा में सक्रिय हो चुके हैं। गुजरात में ज़मीनी कार्यकर्ताओं से संवाद और संगठन को पुनर्जीवित करने की पहल के बाद अब उनका अगला पड़ाव राजस्थान है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी 28 अप्रैल को जयपुर पहुंचेंगे और वहां जिला कांग्रेस अध्यक्षों व वरिष्ठ पदाधिकारियों से सीधी बातचीत करेंगे।
इस महत्वपूर्ण बैठक को कांग्रेस के ‘मास्टर प्लान राजस्थान’ का हिस्सा माना जा रहा है। इसका मकसद पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना और जमीनी नेताओं को फिर से सशक्त करना है। राहुल गांधी की यह रणनीति कांग्रेस को आगामी चुनावों में फिर से मुकाबले में लाने की बड़ी कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे रीढ़ की हड्डी
राहुल गांधी का स्पष्ट मानना है कि कांग्रेस की असली ताकत बूथ और जिला स्तर के कार्यकर्ताओं में है। उन्होंने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि जिला कांग्रेस कमेटियों को संगठन की नींव बनाया जाए। यही वजह है कि प्रस्तावित बैठक में हर जिले के चुने हुए अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है।
सीधी संवाद रणनीति
दिल्ली में हाल ही में हुई देशभर के जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक के बाद राहुल गांधी ने राज्यवार दौरे की रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है। गुजरात में संवाद की सफल शुरुआत के बाद राजस्थान इस योजना का अगला पड़ाव है।
बूथ स्तर की मजबूती पर ज़ोर
बैठक में संगठनात्मक कमजोरियों पर चर्चा की जाएगी, साथ ही नेताओं को सुझाव देने का भी मौका मिलेगा। राहुल गांधी की प्राथमिकता है कि हर जिले में पार्टी की उपस्थिति को इतना मजबूत किया जाए कि कार्यकर्ता सीधे मतदाताओं से जुड़ सकें और पार्टी की विचारधारा को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा सकें।
‘घर के भीतर के दुश्मनों’ की सफाई का संकेत
गुजरात दौरे में राहुल गांधी ने पार्टी के भीतर छुपे ‘घरेलू विरोधियों’ को हटाने की आवश्यकता पर भी इशारों में बात की थी। उनका मानना है कि पार्टी को अंदर से साफ-सुथरा और जवाबदेह बनाने से ही कांग्रेस भाजपा और आरएसएस के खिलाफ मजबूत विकल्प बन सकती है। यह संदेश अब राजस्थान में भी गूंज रहा है।
राजस्थान में कांग्रेस की अहमियत
राजस्थान कांग्रेस के लिए हमेशा से एक मजबूत गढ़ रहा है, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा बढ़ गई थी। राहुल गांधी की यह पहल न केवल संगठन को नई ऊर्जा देने की कोशिश है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कांग्रेस जमीनी स्तर से खुद को फिर से खड़ा करने को तैयार है।
अब देखना होगा कि राहुल गांधी की यह रणनीति राजस्थान में कांग्रेस के संगठन को किस हद तक सशक्त बना पाती है और क्या यह पहल 2028 के चुनावों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरती है।
