दिल्ली सरकार ने राजधानी में निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने पर रोक लगाने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली कैबिनेट ने मंगलवार को Delhi Fees Act के मसौदे को मंजूरी दे दी। अब यह विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा और वहां से पारित होने के बाद कानून का रूप ले लेगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस फैसले को “ऐतिहासिक और साहसिक” करार देते हुए कहा, “दिल्ली सरकार पहली बार एक ऐसा फूलप्रूफ बिल ला रही है जो सभी प्रकार के स्कूलों — एडेड, नॉन-एडेड, प्राइवेट — के लिए फीस निर्धारण की स्पष्ट गाइडलाइन और प्रक्रिया तय करेगा।”
फीस बढ़ोतरी पर अभिभावकों की नाराजगी
हाल के महीनों में दिल्ली में फीस वृद्धि को लेकर अभिभावकों में भारी असंतोष देखने को मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 42 प्रतिशत अभिभावकों ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में स्कूल फीस में 50 से 80 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। कई स्कूलों में मनमानी तरीके से फीस बढ़ाने के खिलाफ अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे।
पारदर्शिता और नियंत्रण की दिशा में कदम
दिल्ली सरकार का कहना है कि अब तक राजधानी में निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए कोई स्पष्ट कानून नहीं था। Delhi Fees Act के लागू होने से इस खालीपन को भरा जाएगा और निजी स्कूलों को फीस निर्धारण में पारदर्शिता बरतनी होगी। इसके तहत कोई भी स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेगा, और ऐसा करने पर कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी भेजे गए थे नोटिस
इससे पहले अप्रैल की शुरुआत में मुख्यमंत्री गुप्ता ने बताया था कि फीस वृद्धि को लेकर आईं शिकायतों के बाद कई स्कूलों को नोटिस जारी किए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार बच्चों के शिक्षा के अधिकार की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
अभिभावकों को मिली बड़ी राहत
सरकार के इस फैसले को अभिभावकों के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है। अगर यह विधेयक विधानसभा से पारित हो जाता है, तो यह दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगा और निजी स्कूलों की मनमानी पर सख्त नियंत्रण होगा।
