राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: मंत्रालयिक कर्मचारियों को भर्ती में आरक्षण का रास्ता साफ, याचिकाएं खारिज

जयपुर, 8 मई 2025 — राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती-2023 को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे मंत्रालयिक कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अदालत ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा मंत्रालयिक कर्मचारियों को दिए गए आरक्षण और 17 दिसंबर 2024 को घोषित परिणाम को वैध ठहराया है। साथ ही, इस संबंध में दाखिल सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं।

यह आदेश जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने मोहित सोनी व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि मंत्रालयिक वर्ग में चयनित अभ्यर्थियों ने सीईटी परीक्षा में उनसे कम अंक प्राप्त किए हैं और उन्हें दोहरे आरक्षण का अनुचित लाभ मिला है, जिससे योग्य अभ्यर्थी चयन से वंचित रह गए।

कर्मचारी चयन बोर्ड की दलील

बोर्ड की ओर से अधिवक्ता संदीप माहेश्वरी ने अदालत को बताया कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह से सीईटी नियम-2022 के नियम 6 और डीओपी के 24 जून 2008 के परिपत्र के अनुरूप है। मंत्रालयिक कर्मचारियों को वर्टिकल आरक्षण के अंतर्गत होरिजेंटल आरक्षण का लाभ दिया गया है, न कि दोहरा आरक्षण। चयनित अभ्यर्थियों ने मुख्य परीक्षा में याचिकाकर्ताओं से बेहतर प्रदर्शन किया है, इसलिए चयन प्रक्रिया कानूनी रूप से सही है।

नियुक्तियों का रास्ता हुआ साफ

हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि मंत्रालयिक कर्मचारियों को दिया गया आरक्षण संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त प्रक्रिया के अंतर्गत आता है। कोर्ट ने माना कि वर्टिकल श्रेणी के भीतर होरिजेंटल आरक्षण का एकीकरण पूरी तरह वैध है और इसमें कोई विसंगति नहीं है। इसके साथ ही, अब इन पदों पर मंत्रालयिक कर्मचारियों की नियुक्ति का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है।

यह फैसला राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे मंत्रालयिक वर्ग के कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो लंबे समय से इस भर्ती प्रक्रिया में अनिश्चितता का सामना कर रहे थे।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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