राजस्थान, गुजरात समेत चार सीमावर्ती राज्यों को मिले आपातकालीन अधिकार: भारत-पाक तनाव के बीच केंद्र सरकार का बड़ा कदम

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र, केंद्र सरकार ने राजस्थान, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे सीमावर्ती राज्यों को सिविल डिफेंस रूल्स, 1968 के तहत आपातकालीन अधिकार प्रदान किए हैं। इस निर्णय का उद्देश्य स्थानीय प्रशासन को संभावित सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए सशक्त बनाना है।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक कार्रवाई

7 मई 2025 को, भारतीय वायुसेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ स्थानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों का उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाना था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि इस अभियान में लगभग 100 आतंकवादी मारे गए ।

पाकिस्तान ने इन हमलों के जवाब में भारत के खिलाफ मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस संघर्ष में अब तक कई नागरिकों और सैनिकों की जान जा चुकी है ।

सिविल डिफेंस रूल्स, 1968 के तहत आपातकालीन अधिकार

केंद्र सरकार ने सिविल डिफेंस रूल्स, 1968 की धारा 11 के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपातकालीन अधिकार देने का निर्देश दिया है। इससे स्थानीय प्रशासन को निम्नलिखित शक्तियाँ प्राप्त होती हैं:

बिजली और प्रकाश व्यवस्था का नियंत्रण: हवाई हमलों से बचाव के लिए स्ट्रीट लाइट्स और घरों की लाइट्स को नियंत्रित किया जा सकता है।

अग्नि सुरक्षा उपाय: मकान मालिकों को अग्निशमन यंत्र लगाने और ज्वलनशील पदार्थों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया जा सकता है।

छद्मावरण उपाय: दुश्मन की निगाह से बचने के लिए इमारतों की छतों को पेंट करने या जाल लगाने जैसे उपाय किए जा सकते हैं।

खतरनाक सामग्री का नियंत्रण: जहरीले, ज्वलनशील या विस्फोटक पदार्थों के भंडारण पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

एयर रेड शेल्टर का निर्माण: हवाई हमलों से नागरिकों की सुरक्षा के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण किया जा सकता है।

मॉक ड्रिल और अभ्यास: आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल और अभ्यास आयोजित किए जा सकते हैं ।

स्थानीय प्रशासन की तैयारियाँ

राजस्थान, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के स्थानीय प्रशासन ने इन आपातकालीन अधिकारों के तहत तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में मॉक ड्रिल, ब्लैकआउट अभ्यास और नागरिकों को सुरक्षा उपायों की जानकारी देने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा, हवाई हमलों से बचाव के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जा रही है।

निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के इस दौर में, केंद्र सरकार द्वारा सीमावर्ती राज्यों को आपातकालीन अधिकार प्रदान करना एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्थानीय प्रशासन को संभावित खतरों से निपटने के लिए आवश्यक संसाधन और शक्तियाँ मिलती हैं। नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी को सतर्क रहने और सरकारी निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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