-बेखौफ लापरवाह जलदाय विभाग, न जनता की चिंता, न प्रशासन का भय, न मीडिया की खबर से अगवाई
भरतपुर नगर निगम वार्ड 43 के लोग पिछले तीन माह 10 दिन से जलदाय विभाग को खराब पानी सप्लाई की शिकायत करते आ रहे हैं। लोगों की सुनवाई न होने पर पार्षद दीपक मुदगल ने शहर की जिम्मेदार मीडिया को सहारा बनाकर अपनी आवाज उठाई। जिसके कारण दूसरे दिन कार्यवाही शुरू हुई। लाखों की बनी नई सीसी सड़क को विभिन्न स्थानों से क्षतिग्रस्त कर दिया जिसके कारण दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ। लेकिन शुद्ध पानी की व्यवस्था नही हो पाई। पार्षद मुदगल ने कहा की तकनीकी अधिकारियों से सुसज्जित जलदाय विभाग शुद्ध पानी की व्यवस्था में असक्षम नजर आ रहा है।
दुनिया में नाम कमाने वाला भारतवर्ष चंद्रमा पर पानी की खोज कर रहा है। इधर कुर्सियों पर विराजमान तकनीकी अधिकारीगण पाइप से पानी के लीकेज नही ढूंढ पा रहे हैं। खराब पानी के कारण लोग बीमार होने लगे हैं। आंखों में जलन खांसी,एलर्जी व शरीर पर फोड़े फुंसी होने लगे हैं। स्नानघर एवम रसोईघर के नलों में सीवरेज और गटर के पानी की बदबू से बुरा हाल हो रहा है । वार्डवासी खराब पानी के कारण अपने बोरिंग करवा रहें हैं। समाचार पत्रों में गंदे पानी की सूचना के बाद जलदाय विभाग की प्रयोगशाला के उच्चाधिकारियों द्वारा वार्ड में पानी की जांच हेतु नमूने लिए गए। जिसकी रिपोर्ट विभाग को दे दी गई ,जिसमें पाया गया कि पानी बदबूदार ,झागदार एवम बहुत गंदा है । जिसका दैनिक जीवन में उपयोग नहीं किया जा सकता।
पीने हेतु पानी का उपयोग बिलकुल नही हो सकता। पार्षद मुदगल ने बताया की प्रयोगशाला के रासायनिक अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के बाद भी जलदाय विभाग लगातार वार्ड में सीवरेज और गटर के पानी की सप्लाई कर लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है। शहर का प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपना मौन साधे हुए हैं। वार्ड में एकत्र लोगों ने निर्णय लिया है की बहुत जल्द पानी का समाधान नही हुआ तो उन्हें शुद्ध पानी के लिए आंदोलन करना पड़ेगा।
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