तीसरा जयपुर सर्जरी फेस्टिवल महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी, सीतापुरा में शुरू हुआ। वैज्ञानिक सम्मेलन में आठ सौ से अधिक डॉक्टर भाग लेते हैं। आयोजक डॉ. विनय कपूर ने बताया कि तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सेंटर फॉर डाइजेस्टिव साइंसेज के तत्वावधान में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट के सहयोग से किया जा रहा है।
पित्ताशय कैंसर विषय पर आयोजित सम्मेलन में 21 देशों के 800 से अधिक विशेषज्ञों, सर्जनों, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट ने भाग लिया और विषय वस्तु में अनुसंधान नवाचार, चिकित्सा अनुभव, नैदानिक प्रक्रियाओं और चिकित्सीय प्रक्रियाओं की तैयारी के बारे में विस्तृत चर्चा की। गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि आंत में ट्यूमर का पता चलने पर तुरंत इलाज कराना चाहिए। गौरतलब है कि पित्ताशय के कैंसर के मामले में 90 प्रतिशत मरीजों में पथरी भी पाई जाती है।
हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. आनंद नागर ने कहा कि देश में प्रति एक लाख की आबादी पर पित्ताशय के कैंसर के मामले 12 हैं। पित्ताशय में 3 सेमी से अधिक की पथरी, लगातार दर्द, पीलिया, मूत्राशय का बढ़ना, वजन बढ़ना और भूख न लगना जैसे लक्षणों वाले रोगियों में पित्ताशय के कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसे अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन से आसानी से पहचाना जा सकता है। इवेंट के बारे में अधिक जानकारी वेबसाइट पर पोस्ट की जाएगी और सभी पंजीकरणकर्ताओं को ईमेल के माध्यम से वितरित की जाएगी।