ब्यूरो चीफ दीपचंद शर्मा
कामां भरतपुर |
शाम को हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन
वर्तमान शासन नायक जैन धर्म के अंतिम 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2623 वां जन्म कल्याणक महोत्सव रथयात्रा निकालकर धूमधाम से मनाया गया।जैन समाज के अध्यक्ष सुभाष जैन अगोनिया ने बताया कि प्रातः प्रभात फेरी निकाली गई। दोपहर चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर से श्री जी को रथ में सवार कर रथ यात्रा प्रारंभ हुई। रथयात्रा से पूर्व बोलियों के माध्यम से पात्रों का चयन हुआ। जिसमें झंडारोहण की बोली कुंथी राजेश जैन को प्राप्त हुई तो भगवान के रथ को चलाने रथ सारथी बनने का सौभाग्य महावीर प्रसाद जिनेन्द्र कुमार डी के जैन मित्तल परिवार को प्राप्त हुआ, कुबेर बनने का सौभाग्य देवेंद्र जैन विनय जैन गौरव जैन परिवार को प्राप्त हुआ, इंद्राणी बनने का सौभाग्य सुनीता जैन विजय जैन काली परिवार को प्राप्त हुआ। सौधर्म इंद्र लक्ष्य जैन गौरव जैन, और चार इंद्र लखमी चंद जैन दिल्ली परिवार, अनिल जैन पंसारी परिवार, राजेश जैन लहसरिया परिवार, दया चंद जयंती जैन परिवार को प्राप्त हुआ।
रथयात्रा का जगह जगह स्वागत सत्कार हुआ। जैन समाज के युवा पूरे जुलूस में दिल्ली के बैंड और कामां के बैंड पर अलग अलग धुनों में जमकर थिरकते रहे।शाम को हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन
सकल जैन समाज कामां के द्वारा पहली बार भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव पर एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया, जिसका संयोजन कामां के ही कवि डी के जैन मित्तल ने किया। श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के प्रांगण में आयोजित इस कवि सम्मेलन का संचालन देश के वीर रस के प्रसिद्ध कवि मोहित मनोहर ने किया जिसमें देश के प्रसिद्ध कवियों ने अपना काव्यपाठ किया। मां सरस्वती की वंदना लखनऊ से पधारी कवयित्री हेमा पांडे, भगवान महावीर की वंदना के द्वारा की गई। उसके बाद सभी कवियों ने जैन दर्शन, हास्य, वीर रस, श्रंगार रस, करुण रस आदि से ओत प्रोत कविताएं सुनाई। वहां उपस्थित श्रोताओं ने खूब तालियां बजाईं और कवियों को मन से सुना। इससे पूर्व आचार्य विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण, दीप प्रज्वलन और मंगलाचरण किया गया।कामां के कवि डी के जैन मित्तल ने “सबकी खुशियों के आधार महावीर हैं। अपने जिनधर्म का सार महावीर हैं। जीने का जो तरीका सिखाया हमें। पूरा ब्रह्मांड संसार महावीर हैं।” सुनाकर भगवान महावीर का गुणगान कर सभी श्रोताओं से तालियां बटोरी।दिल्ली से पधारे कवि सुनहरी लाल तुरंत ने “छत टपके तो फव्वारों का मजा लूटेंगे। टूटे कमरों में बहारों का मजा लूटेंगे।मूंगफलियों को भी बादाम समझ खायेंगे। बेर खाकर छुआरों का मजा लूटेंगे।” सुनाकर श्रोताओं को जमकर हंसाया। पलवल से आए कवि मोहित मनोहर ने “हम होठों पर मुस्कान लिए फिरते हैं। और बुजुर्गों के लिए सम्मान लिए फिरते हैं। जब से मैंने देश की माटी चूमी है। तब से दिल में हिंदुस्तान लिए फिरते हैं।” पंक्तियां सुनाकर लोगों में जोश भर दिया।ललितपुर यूपी से आए हुए कवि वीरेंद्र जैन विद्रोही ने “बनके आंखों में आसूं वो नीर हो गए। वो खो गए जहां से तो तस्वीर हो गए। करुणा दया का पाठ पढ़ाकर चले गए। ऐसे महान संत महावीर हो गए।” सुनाकर भगवान महावीर के सिद्धांतों को कविताओं में सुनाया। नबावों की धरती लखनऊ से पधारी कवयित्री हेमा पांडे ने “धूप मे धूप से साँवरी हो गयी। वेदना से विवश बांसुरी हो गयी। कृष्ण मथुरा से वापस जो आये नहीं।याद मे राधिका बाँवरी हो गयी।” पंक्तियां सुनाकर पूरे माहौल को श्रंगार रस में डुबो दिया ।सभी कवियों का सम्मान कामां जैन समाज संरक्षक महावीर प्रसाद जैन, अध्यक्ष सुभाष जैन अगोनिया, मंत्री विजय जैन काली, संजय जैन बौलखेडिया, गौरव जैन निक्की के द्वारा किया गया। समाज के द्वारा सभी कवियों का आभार व्यक्त किया गया।