भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में स्पैम कॉल्स से निपटने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, और इसके परिणामस्वरूप इन कॉल्स में 20% की गिरावट आई है। अगस्त में की गई कार्रवाई के तहत 50 एंटीटीज़ को ब्लैकलिस्ट किया गया और 2.75 लाख संदिग्ध नंबरों को बंद कर दिया गया। TRAI का कहना है कि इन प्रयासों से स्पैम कॉल्स में कमी आई है, लेकिन अब भी कुछ और कदम उठाए जा रहे हैं ताकि इस समस्या का पूरी तरह से समाधान किया जा सके।
स्पैम कॉल्स में कमी, लेकिन समाधान बाकी
अगस्त में स्पैम कॉल्स की संख्या 1.89 लाख थी, जो अक्टूबर में घटकर 1.51 लाख हो गई। यह 20% की गिरावट TRAI की सख्त नीतियों और कदमों का परिणाम है। इसके तहत न केवल ब्लैकलिस्टेड एजेंसियों और टेलीमार्केटिंग कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, बल्कि स्पैम कॉल्स को और अधिक प्रभावी तरीके से ब्लॉक करने के लिए तकनीकी उपायों पर भी जोर दिया गया है।
TRAI ने यह भी सुझाव दिया है कि बिना पंजीकरण वाले टेलीमार्केटिंग कॉल्स पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं। इसके लिए नियमों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है, और अगर इन नियमों का उल्लंघन होता है तो संबंधित कंपनियों पर पैनल्टी लगाई जाएगी। साथ ही, बिना पंजीकरण वाले टेलीमार्केटिंग कॉल्स को दो साल तक बैन करने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
एयरटेल और AI तकनीक का योगदान
स्पैम कॉल्स पर नियंत्रण पाने के लिए एयरटेल ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित है। इस तकनीक के माध्यम से स्पैम कॉल्स की पहचान की जाती है और उन्हें रियल टाइम में ब्लॉक किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, एयरटेल के नेटवर्क पर स्पैम कॉल्स की संख्या में काफी कमी आई है, और यह कदम अन्य कंपनियों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है।
रोबोकॉल्स का बढ़ता खतरा
हालांकि TRAI की कोशिशों के बावजूद, रोबोकॉल्स (ऑटोमेटेड टेलीमार्केटिंग कॉल्स) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ये कॉल्स ऑटोमेटेड सिस्टम के माध्यम से की जाती हैं और ये कुछ टेलीमार्केटिंग कंपनियां इसका इस्तेमाल कर रही हैं। इस दिशा में भी TRAI लगातार निगरानी रख रहा है और नए रेगुलेशन्स पर विचार कर रहा है ताकि इन कॉल्स को रोका जा सके।
TRAI के कदमों का असर
TRAI की ओर से किए गए उपायों का असर दिखाई दे रहा है, और कई रिपोर्ट्स में यह पाया गया है कि स्पैम कॉल्स में कमी आई है। इसके अलावा, TRAI की पहल से जियो, एयरटेल, वोडाफोन और BSNL के उपयोगकर्ताओं को भी राहत मिली है। अब TRAI इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए और सख्त कदम उठाने पर विचार कर रहा है, ताकि उपभोक्ताओं को स्पैम कॉल्स से पूरी तरह से मुक्ति मिल सके।
निष्कर्ष
TRAI द्वारा स्पैम कॉल्स पर काबू पाने के लिए उठाए गए कदम सही दिशा में हैं। हालांकि, समस्या का पूरी तरह से समाधान अभी बाकी है, लेकिन अब तक की गई कार्रवाई से निश्चित रूप से स्थिति में सुधार हुआ है। आने वाले समय में इन कदमों को और भी सख्त किया जाएगा ताकि उपभोक्ताओं को और अधिक राहत मिल सके। स्पैम कॉल्स पर नकेल कसने के लिए TRAI के प्रयासों का असर लगातार देखने को मिलेगा, जिससे उपभोक्ताओं का अनुभव और भी बेहतर होगा।