बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं: हेमा मालिनी ने संसद में उठाई आवाज

नई दिल्ली, 4 दिसंबर – भाजपा सांसद और मथुरा से प्रतिनिधि हेमा मालिनी ने बुधवार को लोकसभा में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और इस्कॉन संत चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की। शून्य काल के दौरान उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।

धर्म पर अत्याचार को लेकर सख्त रुख

हेमा मालिनी ने लोकसभा में कहा, “मैं कृष्ण भक्त हूं और मथुरा की प्रतिनिधि हूं। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और मंदिरों पर हमले असहनीय हैं। यह केवल विदेश नीति का विषय नहीं है, बल्कि हमारी भावनाओं और आस्थाओं का प्रश्न है। बांग्लादेश सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”

चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी पर नाराजगी

बाद में मीडिया से बात करते हुए हेमा मालिनी ने कहा, “चिन्मय कृष्णदास को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करना बेहद गलत है। वहां के हिंदू समुदाय के हालात खराब हैं। मैंने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और इस्कॉन भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। यह केवल कूटनीति का मुद्दा नहीं, बल्कि हमारी भक्ति और सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ा मामला है।”

अन्य सांसदों ने भी जताई चिंता

असम के दारांग-उदलगुड़ी से भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने संसद में प्रस्ताव पारित करने की मांग की। उन्होंने कहा, “हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बंद करने का स्पष्ट संदेश बांग्लादेश सरकार को दिया जाना चाहिए। 1971 के बाद से लाखों बांग्लादेशी मुसलमानों ने असम में घुसपैठ की है, जो राजनीतिक और सामाजिक संतुलन को प्रभावित कर रहे हैं।”

उज्जैन से भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया ने चिन्मय कृष्णदास के कानूनी संघर्ष पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में उनके लिए कोई वकील उपलब्ध नहीं है। वह जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भारत सरकार को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।”

भारत सरकार से कार्रवाई की मांग

सांसदों ने इस मुद्दे पर सर्वसम्मति से भारत सरकार से कड़ा रुख अपनाने की मांग की। उनका कहना है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाई जानी चाहिए।

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