R Ashwin के संन्यास पर विवाद: क्या दिग्गज स्पिनर को किया गया मजबूर? पिता का चौंकाने वाला खुलासा

स्पोर्ट्स डेस्क: भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने गाबा टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का एलान कर फैंस को चौंका दिया। इस फैसले के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि उनके इस कदम के पीछे क्या वजह हो सकती है। अब अश्विन के पिता का सनसनीखेज बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने संकेत दिया है कि अश्विन को टीम इंडिया में अपमान झेलने के बाद यह फैसला लेना पड़ा।

अश्विन के पिता का बड़ा खुलासा

अश्विन के संन्यास के एक दिन बाद उनके पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें खुद आखिरी क्षणों में पता चला कि अश्विन ने संन्यास लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया,

“मैंने उनसे ज्यादा कुछ नहीं पूछा। उन्होंने तुरंत यह फैसला लिया, और मैंने इसे स्वीकार कर लिया। हालांकि, मैं खुश भी था और दुखी भी। उन्हें अभी और खेलना चाहिए था।”

क्या टीम में अपमान बना कारण?

अश्विन के पिता ने सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन संकेत दिया कि अश्विन को प्लेइंग इलेवन में नियमित जगह न मिलना उनके लिए अपमानजनक हो सकता है। उन्होंने कहा,

“यह उनकी इच्छा और चाहत थी। लेकिन मुझे लगता है कि शायद उन्होंने यह फैसला अपमान के कारण लिया। उनके रिकॉर्ड और प्रतिभा को देखते हुए उन्हें टीम में ज्यादा सम्मान मिलना चाहिए था।”

फेयरवेल मैच का न मिलना बना विवाद का विषय

आर अश्विन, जो भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं, को फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला।

  • बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: अश्विन ने एडिलेड टेस्ट में हिस्सा लिया था लेकिन गाबा टेस्ट में उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया।
  • उनकी जगह रवींद्र जडेजा को मौका दिया गया, जिन्होंने बल्ले से अहम योगदान दिया।

यह स्थिति भी उनके संन्यास के फैसले के पीछे एक बड़ा कारण हो सकती है।

अश्विन के पिता ने बताया क्रिकेट के शुरुआती सफर का किस्सा

अश्विन के पिता ने उनके शुरुआती क्रिकेट करियर की यादें साझा करते हुए कहा कि वह उन्हें बाइक पर अभ्यास के लिए ले जाते थे। उन्होंने बताया,

“मैंने केवल उन्हें पढ़ाई और क्रिकेट में संतुलन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। बाकी सब उन्होंने अपने चतुर दिमाग और मेहनत से किया। मैंने उनके खेल में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं किया।”

बता दें की,  अश्विन के अचानक संन्यास से उनके फैंस निराश हैं। उन्होंने भारत के लिए 94 टेस्ट में 500 से ज्यादा विकेट और कई अहम मैचों में जीत दिलाई है। अश्विन की कमी न केवल भारतीय टीम बल्कि क्रिकेट प्रेमियों को भी महसूस होगी।

 

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