[the_ad id="102"]

संजीवनी घोटाले के मानहानि मामले में गहलोत को झटका, कोर्ट ने समन रद्द करने से किया इनकार

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को कोर्ट से लगा झटका. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शेखावत के मानहानि मामले में मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के समन को रद्द करने से इनकार कर दिया है. उन्हें 7 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की इजाजत भी दी गई थी. मंगलवार की सुनवाई में कोर्ट ऑफ अपील ने सिविल कोर्ट के वारंट को रद्द करने से इनकार कर दिया. समन के खिलाफ सोमवार को गहलोत कोर्ट में पेश हुए. जज एमके नागपाल को मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में तलब किया गया था.

गहलोत की ओर से वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और मोहित माथुर ने दलीलें पेश कीं. इस बीच, वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने शेखावत की ओर से कार्रवाई की। सुनवाई दोपहर 2:30 बजे शुरू हुई. और दोपहर 3:00 बजे तक चली। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया. अदालत ने 6 जुलाई को राउज़ एवेन्यू अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मुख्य मजिस्ट्रेट कोर्ट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल में अपना फैसला सुनाया, जिसमें गहलोत को वारंट दिया गया और उन्हें 7 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।

शेखावत ने कांग्रेस नेता पर मानहानि का मुकदमा करने की अपील की। इसके अतिरिक्त, शेखावत द्वारा संजीवनी की कथित धोखाधड़ी के संबंध में उनकी टिप्पणियों के बारे में शिकायत करने के बाद गहलोत पर मामला दर्ज किया था। यह मामला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों के साथ 900 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से संबंधित है।

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तीन बिंदुओं पर जांच करने का आदेश दिया कि क्या मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत को आरोपी कहकर संबोधित किया था? अशोक गहलोत का कहना है कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत पर आरोप साबित हो गए? संजीवनी धोखाधड़ी मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत या उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्रतिवादी के रूप में जांच की जा रही है। संजीवनी धोखाधड़ी का मामला राजस्थान उच्च न्यायालय में लंबित है। इनमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों के नाम भी शामिल हैं. इस मामले को लेकर जोधपुर हाईकोर्ट में कई फैसले आ चुके हैं.

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट

संबंधि‍त ख़बरें

सोना चांदी की कीमत