शिक्षा की काशी कोटा जो हजारों छात्रों का भविष्य बनाती है, अब छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के मामलों से लगातार कलंकित हो रही है। यूपी के एक छात्र ने गुरुवार को आत्महत्या कर ली थी. लेकिन शुक्रवार रात एक और छात्र ने आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक छात्र की पहचान बिहार के चंपारण जिले के निवासी भार्गव मिश्रा के रूप में हुई है. पुलिस ने छात्र के परिजनों को घटना की जानकारी दी. खुलासा होने पर आत्महत्या का कारण बताया जाएगा।
यह छात्र अप्रैल में ही कोटा आया था. वह जेईई मेन की तैयारी कर रहा था। छात्र महावीर नगर इलाके के एक मकान में किराये पर रह रहा था । हुआ यूं कि छात्र के पिता ने उसे फोन किया, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया. तभी फिर पिता ने मकान मालिक को कमरे में जाकर देखने के लिए कहा। मालिक ने बताया कि जब वह कमरे में गया तो छात्र फंदे पर लटका हुआ था। फिलहाल पुलिस को छात्र के कमरे से सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है.
इस साल अब तक 19 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं. कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के मामले में इस साल 19 छात्रों की जान जा चुकी है. उनमें से ज्यादातर 15 से 18 साल की उम्र के बीच के छात्र हैं। वे सभी अपने भविष्य की योजना बनाने के लिए दो महीने या एक सप्ताह पहले ही कोटा आए थे। लेकिन भविष्य का निर्माण करने के बजाय, वह काल के ग्रास बन गए। इनमें से कुछ छात्रों ने यह दावा करते हुए आत्महत्या कर ली कि वो वह नहीं कर पाए जो उनके माता-पिता को उम्मीद थी।
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, दो महीने के अंदर आत्महत्या करने वाले छात्र मानसिक रूप से पढ़ाई को फेस करने के लिए तैयार नहीं थे। एक छात्र जो अपने जिले में सर्वश्रेष्ठ में से एक है, वह पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कोटा में पढ़ाई के लिए आता है। लेकिन देश के हर हिस्से से आए टॉपर्स का मेला लगा हुआ है। ऐसे में वह इसे इस हद तक खो देता है और इसका सामना नहीं कर पाता। कई छात्रों की हत्या के पीछे भी ऐसी ही बात है.