जैसे-जैसे राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, लोगों की मांगों को लेकर बैठकें आयोजित की जा रही हैं. राज्य में विभिन्न समुदायों के लोगों के सम्मेलन नियमित रूप से आयोजित किये जा रहे हैं। हाल ही में उदयपुर के गांधी मैदान कोर्ट में श्री राजपूत करणी सेना की ओर से न्यायाधिकार सभा का आयोजन किया था. आज डांगी और पटेल समुदाय ने अपनी मांगों को लेकर हुंकार भरी है. इसे प्राप्त करने के लिए, विचाराधीन संगठन ने एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया। इस बैठक के लिए पार्टी के सदस्यों ने एक स्थान चुना, जो इन चुनावों के बाद राजस्थान का एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया।
बांसवाड़ा जिले के बेणेश्वर धाम में डांगी और पटेल समाज ने बैठक का आयोजन किया. आदिवासी दिवस के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी यहां सभा की थी. इस जनसभा के दौरान डांगी पटेल के लोगों ने सरकार से कई अनुरोध किये. पिछले सप्ताह उदयपुर शहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी. डांगी पटेल पाटीदार समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे। जन प्रतिनिधियों का कहना है कि राजनीतिक दलों ने उदयपुर क्षेत्र को आदिवासियों में मिला लिया है, लेकिन उदयपुर की 28 विधानसभा सीटों में सबसे ज्यादा वोट पाने वाले पटेल पाटीदार समुदाय से हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार जनसंख्या जनगणना करा ले तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.
स्थानीय प्रतिनिधियों ने कहा कि हर किसी को सच्चाई जानने की जरूरत नहीं है, इसलिए कोई भी समूह जातीय जनगणना नहीं करता है। उन्होंने कहा कि समूह को अलग-अलग नामों से जाना जाता है और लोग डांगी, पटेल और पाटीदार को अलग-अलग लोग मानते हैं. ऐसे में हम ये दिखाना चाहते हैं कि ये सभी लोग एक ही समाज के हैं. तीनों समुदाय के निवासियों ने मिलकर चुनाव के दौरान एक और कदम उठाया है ताकि उनके समुदाय को अधिक प्रतिनिधित्व मिल सके.
इस बैठक में समाज के लोगों ने सरकार को खूब खरी खोटी सुनाई. समाज ने राज्य अधिकारियों से हर जिले में टीएसपी ओबीसी के लिए खेल स्कूल खोलने का अनुरोध किया है। वह जिले में सभी स्तरों पर अनाज मंडी खोलने, टीएसपी क्षेत्र की जनसंख्या के अनुसार सामाजिक और राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सरदार धाम के निर्माण के लिए 50 वर्ग मीटर भूमि भी चाहते है। इसके अलावा, पिलादर मामले में 42 निर्दोष ग्रामीणों की रिहाई, टीएसपी में ओबीसी को तत्काल शामिल करने और राष्ट्रीय एकता दिवस सरदार पटेल जयंती (31 अक्टूबर) पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा जैसे कई अन्य मांगे की.
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