राजसमन्द। एक पीड़िता ने एक अभियुक्त,माता-पिता उसके जिजा के खिलाफ उसकी नाबालिग पुत्री जिसकी उम्र 16 वर्ष को बहला-फुसलाकर उसके साथ यौन शोषण करने को लेकर राजसमन्द जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सोप कर कार्यवाही की मांग की है।
पीड़िता ने बताया की 7 अप्रेल 2024 को मेरी नाबालिग पुत्री को अभियुक्त मोखम सिंह मोटरसाईकिल पर बिठाकर उसके घर उसके माता-पिता के पास ले गया और उसने बोला कि “मैं नाबालिग से शादी करना चाहता हूं”, तो उन्होंने मोखम सिंह व मेरी पुत्री को कहा कि ‘कोर्ट में शादी करवा देंगे।” तब तक उन्होंने खेतों में बने कमरे पर रूकने की व्यवस्था व खाने की व्यवस्था उसके माता-पिता ने की और चार दिन तक कमरे में बंद कर बार-बार खोटा काम करता और कमरे के बाहर ताला लगा देता व मेरी पुत्री की निगरानी रखता था। मोखम सिंह ने मेरी पुत्री का मोबाईल भी छिनकर स्वीच ऑफ कर दिया। चार दिन बाद मोखम सिंह मेरी पुत्री को अपने साथ उसके बहिन के यहां बस से जोधपुर लेकर गया, उस समय मेरी पुत्री को उसने पीछे वाली सीट पर बिठाया और चाकू दिखाकर धमकाया कि “चिल्लाई, तो यहीं जान से मार दूंगा।” फिर जोधपुर दिन तक मोखम सिंह की बहिन के घर पर मेरी पुत्री को बंधक बनाकर रखा, जहां उसका जिजा व बहिन ने खाने व सोने की व्यवस्था की और मेरी पुत्री की निगरानी रखते थे। मोखम सिंह ने सबके सामने धमकियां दी कि “भागने की कोशिश मत करना, वरना जान से मार देंगे।” मोखम सिंह शराब पीकर बार-बार मेरी पुत्री के साथ खोटा काम करता।उक्त सारी घटना के बारे में मेरी पुत्री ने मुझे 30 अप्रेल को जानकारी दी।
यह कि मुझ प्रार्थीया के पति ने एक लिखित प्रार्थना-पत्र 8 अप्रेल को पुलिस थाना देवगढ़ में गुमशुदगी की दी थी,जिस पर 16 अप्रेल को अभियुक्त मोखम सिंह,उसके माता-पिता मोखम सिंह का भाई व चेनाराम सालवी सभी के साथ मेरी पुत्री देवगढ़ थाने पर आई तब कालुराम जी ए.एस.आई.ने हमें फोन किया और उन्होंने कहा कि “समझौता कर लो”, तो हमने समझौता नहीं कर कानूनी कार्यवाही की मांग की, परन्तु पुलिस वालों ने अभियुक्तगण से सांठ-गांठ कर मेरी नाबालिग पुत्री को डराया कि “मेडिकल करवायेगी या लड़के के खिलाफ बयान देगी,तो लड़का व उसके परिवार लों को जेल हो जायेगी।” पुलिस ने मुझे व मेरी पुत्री तथा परिवार वालों को जेल भेजने की धमकी दी और अभियुक्तगण से मिलीभगत कर मामला दबाने का प्रयास किया।
