आज शनिवार को पुरूषोत्तम एकादशी पर व्रत रखा जाएगा। हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से अपार सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। आपको पता होगा की अभी अधिकमास या पुरुषोत्तम मास भी चल रहा, तो ऐसे में इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है। वहीं पुरूषोत्तमी माह में आने वाली एकादशी को पुरूषोत्तमी एकादशी कहा जाता है। वैसे इसे कमला या पद्मिनी एकादशी भी कहा जाता है। पुरूषोत्तम मास में आने वाली एकादशी का पालन करने से जीवन की सभी समस्याओं का अंत हो जाता है। पुरूषोत्तम या पद्मिनी एकादशी 2023 एक शुभ समय है
एकादशी प्रारंभ तिथि – दोपहर 2:00 बजे से (28 जुलाई 2023)
एकादशी की समय सीमा – दोपहर 1:06 बजे (29 जुलाई, 2023)
एकादशी तिथि – शनिवार 29 जुलाई, 2023
पुरूषोत्तम या पद्मिनी एकादशी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठें, स्नान आदि करें और सफेद और पीले रंग के कपड़े पहनें।
फिर गंगाजल छिड़क कर मंदिर को साफ करें।
अब एक चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें।
चौकी पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र रखें।
शंख में जल लेकर भगवान विष्णु को अर्पित करें।
भगवान नारायण को पीले फूल, फल, चंदन, हल्दी, बबूल, अक्षत, धूप और दीप अर्पित करें।
भगवान विष्णु को केसर की खीर का भोग लगाएं।
विष्णु चालीसा, स्तोत्र का पाठ करें। विष्णुजी की आरती करना न भूलें.
पुरुषोत्तमी एकादशी का महत्व
पुरूषोत्तम मास में पड़ने वाली एकादशी के प्रभाव से मनुष्य सभी समस्याओं से मुक्त हो जाता है। साथ ही व्यक्ति को कोई न कोई उपलब्धि प्राप्त होती है और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से आपके कार्यों में आने वाली बाधाएं भी दूर जाती है। वहीं इस विषय में उपहार का विशेष अर्थ होता है। अधिकमास में भगवान विष्णु की पूजा करने से कई गुना शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
