कहते हैं कि सच्ची दोस्ती मुश्किल वक्त में ही पता चलती है। लेकिन पाकिस्तान के गरीब दोस्त चीन ने उसे धोखा दिया। चीन ने पाकिस्तान में अपना दूतावास बंद कर दिया है। इस वजह से पाकिस्तानियों को चीन का वीजा नहीं मिल पाएगा। इस बीच, चीन ने अपने दूतावास को बंद करने का “बहाना” बनाया है और वह “तकनीकी मुद्दों” के लिए पाकिस्तान में अपने दूतावास के कांसुलर सेक्शन को अस्थायी रूप से बंद कर रहा है। चीन के इस ऐलान से पाकिस्तानियों को वीजा मिलना मुश्किल हो जाएगा।
पाकिस्तान पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। आटे दाल के खाने के लाले पड़े हैं। बिजली और ईंधन की कमी किसी से छिपी नहीं है। इस देश में कीमतें बढ़ गई हैं। आलम यह है कि पाकिस्तान की सबसे मजबूत कही जाने वाली सेना के पास इतना पैसा नहीं है कि वह अपने जवानों का खून बहा रहे टीटीपी यानी पाकिस्तानी तालिबान के खिलाफ युद्ध छेड़ सके। इस बीच, चीन ने घोषणा की है कि वह “तकनीकी कार्य” के लिए पाकिस्तान में अपने दूतावास के कांसुलर सेक्शन को अस्थायी रूप से बंद कर रहा है। चीन के इस ऐलान से पाकिस्तानियों को वीजा मिलना मुश्किल हो जाएगा।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, चीनी दूतावास ने फैसले की कोई खास वजह नहीं बताई। चीन ने यह भी नहीं बताया कि कॉन्सुलर सेक्शन कब खोला जाएगा। चीनी दूतावास ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित एक नोटिस में घोषणा की कि कांसुलर सेक्शन बंद हो रहा है। उन्होंने कहा कि 13 फरवरी से शुरू हुआ बंद अगली सूचना तक जारी रहेगा। इस बीच चीन ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान में सुरक्षा हालात को देखते हुए सावधानी बरतने की चेतावनी भी दी है।
चीनी सरकार ने यह कदम शाहबाज सरकार के एक दिन पहले कहा कि वह स्थानीय नागरिकों और विदेशियों की रक्षा करेगी। पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने 12 फरवरी को ग्वादर में अधिकारियों को पाकिस्तानियों और विदेशियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री के इस आश्वासन के बाद भी चीन नहीं मान रहा है कि उसने अपने नागरिकों को बेहद सतर्क रहने को कहा है।