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किशोरियां स्वस्थ होंगी तभी समाज संतुलित रहेगा कार्यशाला में स्वास्थ्य, स्वच्छता प्रबंधन तथा एनीमिया के बारे में किया जागरूक

 

बून्दी। समाज की किशोरियां ही मातृ शक्ति का रूप हैं। वर्तमान की किशोरियां ही भविष्य में मां बनती हैं। अगर समाज की किशोरियां स्वस्थ्य रहेंगी, तभी वह मां बन सकेंगी और हमारा समाज संतुलित रहेगा। यह कहना है सह आचार्य डॉ. सविता लौरी का। डॉ. सविता लौरी माहवारी स्वच्छता प्रबंधन एवं एनीमिया पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थी।
गुरुवार को हट्टीपुरा स्थित डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में महिला अधिकारिता विभाग बूंदी के तत्वावधान में एक दिवसीय माहवारी स्वच्छता प्रबंधन एवं एनीमिया जागरूकता कार्यशाला का आयोजन सहायक निदेशक भेरू प्रकाश नागर के मुख्यातिथ्य और उमंग संस्थान की अध्यक्ष एवं सह आचार्य डॉ. सविता लौरी की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला में शोधार्थी डॉ. मोनिका, जेंडर स्पेशलिस्ट विनिता अग्रवाल, महिला शक्ति केंद्र की प्रबंधक पूर्णिमा गौतम, डॉ. सीमा शर्मा, सलोनी श्रृंगी व मोनिशा रावत वक्ता के रूप में मौजूद रही।
माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर दें खास ध्यान
सहायक निदेशक भेरू प्रकाश नागर ने अपने संबोधन में किशोरियों को माहवारी संबंधी भ्रांतियों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि एनीमिया जैसी समस्याओं से बचने के लिए किशोरियों को अपने आहार में भरपूर मात्रा में आयरन और विटामिन शामिल करने चाहिए। साथ ही माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर खास ध्यान दें, ताकि संक्रमण से बचाया जा सके। महिला शक्ति केंन्द्र की प्रबंधक पूर्णिमा गौतम ने उड़ान योजना की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य की पूर्ण देखभाल के साथ गंदे कपड़े के स्थान पर सेनेटरी नेपकिन्स के उपयोग हेतु प्रेरित किया। वहीं शोधार्थी मोनिशा रावत ने माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को झिझक शर्म जैसे शब्दों से निकलकर हमें इस पर खुलकर चर्चा करने की जरूरत है। इस दौरान कार्यशाला को डॉ. मोनिका, शोधार्थी सलोनी श्रृंग, आयुशी गौतम, अश्मि माथुर, इशिका वर्मा और दीपिका ने भी संबोधित किया।
सिखाए स्वच्छता प्रबंधन के तरीके
जेंडर स्पेशलिस्ट विनिता अग्रवाल ने कार्यशाला के दौरान किशोरियों को माहवारी संबंधी विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि माहवारी कैसे और किस उम्र से आती है। नहीं आने पर क्या करना चाहिए और माहवारी आने पर स्वच्छता पर क्यों खास ध्यान देना चाहिए। सवाल जवाब सत्र के दौरान छात्राध्यापिकाओं के प्रश्नों का जवाब देते हुए इन्होंने बताया कि माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव होने से शरीर में किन-किन तत्वों की कमी हो जाती है।
कार्यशाला में डॉ. सीमा शर्मा ने शाब्दिक स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्य और आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
तीन सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला में छात्राध्यापिकाओं को एनीमिया के शरीर पर प्रभाव, आयरन की कमी और अत्यधिक रक्तस्राव, माहवारी के सामाजिक मिथक-भ्रांतियां, स्वच्छता प्रबंधन सहित पोषण और स्वास्थ्य की जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान सवाल जवाब सत्र में चर्चा में भाग लेने वाली छात्राध्यापिकाओं को पुरस्कार प्रदान कर प्रोत्साहित भी किया गया। कार्यशाला का संचालन आयुशी गौतम ने किया तथा सह आचार्य किरण शर्मा ने आभार जताते हुए माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के लिए कार्य करने की आवश्यकता जताई, ताकि किशोरियों को एनीमिया जैसी बीमारी कुपोषण एवं स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर किया जा सकें।

ब्यूरो चीफ़ शिवकुमार शर्मा
बूंदी राजस्थान

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