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महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा जारी: सीएम पद पर सस्पेंस, नए फॉर्मूले पर हो सकती है सहमति

मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों के तीन दिन बाद भी राज्य में मुख्यमंत्री पद पर असमंजस बना हुआ है। इस बीच, राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की अटकलें हैं, वहीं शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा है। साथ ही, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने मुख्यमंत्री चयन को लेकर एक नया फॉर्मूला सुझाया है, जिससे सियासी माहौल और गर्म हो गया है।

शिवसेना सांसदों की पीएम मोदी से मुलाकात की तैयारी

शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि यह मुलाकात मुख्यमंत्री पद को लेकर हो सकती है। सांसद चाहते हैं कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रखा जाए। उनकी योजना है कि प्रधानमंत्री को अपनी दलीलें पेश की जाएं और महाराष्ट्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए शिंदे की भूमिका पर जोर दिया जाए।

हालांकि, इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय बीजेपी आलाकमान के हाथ में है। देवेंद्र फडणवीस हाल ही में दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से मिले थे और अब मुंबई लौट आए हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम फैसला दिल्ली में ही लिया जाएगा।

आरएसएस प्रमुख का नया फॉर्मूला

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की सिफारिश की है। हालांकि, यह प्रस्ताव एक नई रणनीति के तहत पेश किया गया है। भागवत ने सुझाव दिया है कि मुख्यमंत्री पद पर तय समय के लिए ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला लागू किया जा सकता है।

ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद की थ्योरी

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए “ढाई-ढाई साल” के मॉडल पर चर्चा हो रही है। इसके तहत, पहले ढाई साल एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं, जबकि अगले ढाई साल के लिए देवेंद्र फडणवीस को कमान सौंपी जा सकती है। यह फॉर्मूला बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच सत्ता संतुलन बनाए रखने का प्रयास है।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति पर भी चर्चा चल रही है। इससे सत्ता में हिस्सेदारी और राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सकती है।

राजनीतिक उठापटक का भविष्य

महाराष्ट्र की राजनीति इस समय असमंजस और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच सहमति बनाने की कोशिशें जारी हैं। जहां एक ओर शिंदे समर्थक उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, वहीं बीजेपी के भीतर देवेंद्र फडणवीस के नाम पर सहमति बनती दिख रही है।

आरएसएस के सुझावों और शिवसेना सांसदों की प्रधानमंत्री से मुलाकात की योजना से संकेत मिलता है कि अगले कुछ दिन महाराष्ट्र की राजनीति में निर्णायक हो सकते हैं। हालांकि, अंतिम फैसला दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के हाथ में है।

आगे का रास्ता

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर सहमति बन सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह गठबंधन के दोनों पक्षों को संतुलित रूप से संतुष्ट करने का प्रयास होगा। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कौन जीतता है और क्या महाराष्ट्र की जनता को राजनीतिक स्थिरता का भरोसा मिलता है।

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