जयपुर टैंकर विस्फोट: अजमेर हाईवे पर केमिकल टैंकर ब्लास्ट का खौफनाक मंजर, वीडियो सामने आया

जयपुर: शुक्रवार सुबह 6 बजे जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए भीषण केमिकल टैंकर विस्फोट ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया। भांकरोटा इलाके में हुए इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 35 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। आग ने 40 से अधिक गाड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें एक स्लीपर बस और हाईवे के किनारे स्थित एक पाइप फैक्ट्री शामिल हैं।

कैसे हुआ हादसा?

केमिकल से भरे दो टैंकरों के बीच टक्कर के बाद आग भड़क उठी। हादसा भांकरोटा के पेट्रोल पंप के पास हुआ, जहां केमिकल और गैस के रिसाव ने आग को और भीषण बना दिया। टैंकरों में हुए विस्फोट से केमिकल लगभग 500 मीटर दूर तक फैल गया, जिससे आसपास की गाड़ियां और लोग आग की चपेट में आ गए।

दहशत भरा मंजर

विस्फोट के कारण आसमान में कई मीटर ऊंची आग की लपटें उठती दिखीं। सीसीटीवी फुटेज में सड़कों पर जले हुए कपड़े, बिखरा खून और जिंदा जले पक्षी नजर आए। स्लीपर बस के यात्री सो रहे थे, जब अचानक आग ने उन्हें घेर लिया। घबराए लोग जले हुए कपड़ों में अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते देखे गए।

40 से ज्यादा गाड़ियां खाक, स्कूल और फैक्ट्री को नुकसान

विस्फोट इतना जबरदस्त था कि 40 से ज्यादा गाड़ियां जलकर खाक हो गईं। पास स्थित एक पाइप फैक्ट्री और डीपीएस स्कूल को भी नुकसान पहुंचा। धमाके की आवाज 5 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जिससे आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

दमकल और राहत कार्य

घटना की सूचना पर जयपुर के सभी फायर स्टेशनों से दमकल की गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। आग बुझाने में दमकल कर्मियों को केमिकल रिसाव और तेज़ लपटों के कारण कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। 30 से अधिक एंबुलेंस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने की राहत की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता की घोषणा की। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटनास्थल का दौरा कर घायलों का हाल जाना और ₹5 लाख मृतकों के परिजनों तथा ₹1 लाख घायलों को देने का ऐलान किया।

जांच के आदेश

प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण केमिकल का गलत तरीके से परिवहन बताया जा रहा है। हाईवे को फिलहाल बंद कर दिया गया है, और आसपास के इलाके में अलर्ट जारी किया गया है।

निष्कर्ष

इस हादसे ने परिवहन नियमों और हाईवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जहां एक तरफ प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, वहीं स्थानीय लोग भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

 

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