पिछले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा बिटकॉइन का रिजर्व बनाने से इनकार करने के बाद क्रिप्टो मार्केट में गिरावट देखी गई। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत सोमवार को लगभग एक प्रतिशत घटकर Binance एक्सचेंज पर 96,100 डॉलर से अधिक पर ट्रेड कर रही थी। दूसरी बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, ईथर, में भी 1.50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और इसका प्राइस लगभग 3,341 डॉलर पर रहा।
इसके अलावा, Solana और XRP जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी के दाम भी गिरे हैं। मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि बिटकॉइन का प्राइस यदि 1,00,000 डॉलर के स्तर को फिर से पार करता है, तो मार्केट सेंटीमेंट में सुधार आ सकता है। हालांकि, यदि यह 85,000 डॉलर के ऊपर टिकने में विफल रहता है, तो इसकी कीमत में और गिरावट संभव है।
अमेरिका में राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने डिजिटल एसेट्स के लिए बनाई गई प्रेसिडेंशियल काउंसिल ऑफ एडवाइजर्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में बो हाइन्स की नियुक्ति की घोषणा की है। इस काउंसिल का उद्देश्य डिजिटल एसेट्स के इनोवेशन और ग्रोथ को बढ़ावा देना है। क्रिप्टो मार्केट को उम्मीद है कि इससे रेगुलेटरी स्थिति बेहतर होगी।
चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने अमेरिका में बिटकॉइन का रिजर्व बनाने का संकेत दिया था, जिससे बिटकॉइन की कीमतों में तेजी आई थी। हालांकि, फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा कि फेडरल रिजर्व का बिटकॉइन का बड़ा स्टॉक बनाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने इसे लेकर कानूनी प्रतिबंधों का हवाला दिया और कहा कि इस विषय पर किसी बदलाव का निर्णय कांग्रेस को करना होगा।
इस वर्ष बिटकॉइन की कीमत में दोगुने से अधिक वृद्धि हुई है और हाल ही में इसने 1,08,000 डॉलर का नया उच्चतम स्तर छुआ। इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ने से बिटकॉइन में निवेश भी तेज हुआ है। सॉफ्टवेयर कंपनी MicroStrategy ने हाल ही में 15,350 बिटकॉइन लगभग 1.5 अरब डॉलर में खरीदे हैं। यह खरीद प्रति बिटकॉइन लगभग 1,00,380 डॉलर की औसत कीमत पर की गई।