जिला कलेक्टर की सख्ती: सीएसआर फंड की गड़बड़ियों पर श्री सीमेंट और अंबुजा के प्रतिनिधियों को बैठक से बाहर निकाला

ब्यावर, 11 जनवरी (रिपोर्टर – प्रदीप मेघवाल)  जिला कलेक्टर डॉ. श्री महेंद्र खड़गावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विभिन्न इंडस्ट्री व कंपनियों के सीएसआर प्रतिनिधियों से जिले में हुए विकास कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान श्री सीमेंट और अंबुजा सीमेंट के प्रतिनिधियों पर सीएसआर फंड के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे।

सीएसआर फंड का निजी हित में उपयोग

बैठक में खुलासा हुआ कि श्री सीमेंट ने 2022-23 में 71.75 लाख और 2023-24 में 82.74 लाख रुपए की राशि का उपयोग ब्यावर की जनता के लिए विकास कार्यों में करने के बजाय निजी सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अन्य आंतरिक खर्चों में किया। इसके अलावा, कंपनी ने उम्मेद भवन पैलेस में 12.26 लाख रुपए फाउंटेन लगाने और अपने कार्मिकों पर 1 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर सीएसआर गतिविधियों में दिखाया।

प्रतिनिधियों की असमर्थता पर कलेक्टर का कड़ा रुख

जब श्री सीमेंट और अंबुजा सीमेंट के प्रतिनिधि आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में खर्च की जाने वाली सीएसआर राशि की जानकारी देने में असमर्थ रहे, तो जिला कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें बैठक से बाहर कर दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सीएसआर फंड केवल ब्यावर जिले के विकास और लोक कल्याणकारी कार्यों के लिए खर्च किया जाए।

कोगटा फाइनेंस का सराहनीय कदम

विजयनगर में कोगटा फाइनेंस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने सरकारी बस स्टैंड के विकास के लिए 1 करोड़ रुपए की सीएसआर फंड राशि देने की सहमति जताई। जिला कलेक्टर ने इस पहल की सराहना करते हुए अधिकारियों को जल्द डीपीआर तैयार कर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।

कंपनियों को दिए गए स्पष्ट निर्देश

डॉ. खड़गावत ने सभी कंपनियों को निर्देशित किया कि वे सीएसआर फंड के उपयोग में पारदर्शिता बरतें और विकास कार्यों के लिए खर्च किए जाने वाली राशि की जल्द जानकारी दें। उन्होंने कहा कि सीएसआर गतिविधियां जनता से जुड़ी होनी चाहिए और जिले के प्राथमिक विकास कार्यों में योगदान देना चाहिए।

अधिकारी व प्रतिनिधि मौजूद रहे

बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री मोहनलाल खटनावलिया, उपखंड अधिकारी श्री गौरव बुढ़ानिया, नगर परिषद आयुक्त श्री दलिप पूनिया, सार्वजनिक पीडब्ल्यूडी के एसई श्री अशोक तवर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री संजय गहलोत सहित अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।

निष्कर्ष
जिला कलेक्टर की इस कार्रवाई ने कंपनियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि सीएसआर फंड का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, कोगटा फाइनेंस जैसी कंपनियों की पहल ने यह साबित किया है कि सही दिशा में किए गए प्रयास जिले के विकास में कितनी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

रिपोर्टर – प्रदीप मेघवाल

 

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