जयपुर के लो-फ्लोर बसों में सफर अब सिर्फ ट्रांसपोर्ट का साधन नहीं रहा, यह हाईवोल्टेज ड्रामे का मंच भी बन गया है! हाल ही में, रिटायर्ड IAS अधिकारी आरएल मीणा और बस कंडक्टर के बीच ‘थप्पड़-लात-घूंसे’ का लाइव मुकाबला देखने को मिला। इस विवाद का कारण केवल 10 रुपये और स्टॉप पर बस नहीं रोकने का मुद्दा था। यह मामला शुक्रवार को उस समय शुरू हुआ जब रिटायर्ड IAS मीणा कानोता स्टॉप पर उतरने वाले थे, लेकिन बस नायला स्टॉप पर रुक गई। कंडक्टर ने अतिरिक्त 10 रुपये किराए की मांग की, और बस यहीं से ‘थप्पड़ महायुद्ध’ का आगाज हो गया। वीडियो में कंडक्टर और मीणा दोनों एक-दूसरे पर थप्पड़, लात, और घूंसे बरसाते नजर आए। झगड़े की शुरुआत कंडक्टर के हल्के धक्के से हुई, जिससे मीणा भड़क गए। IAS साहब ने भी पलटवार करते हुए कंडक्टर को थप्पड़ जड़ दिया। कंडक्टर की जवाबी कार्रवाई: इसके बाद कंडक्टर घनश्याम ने मुक्कों और लातों से मामला बराबर कर दिया। यात्रियों की एंट्री: बस के अन्य यात्री बीच-बचाव में उतरे, लेकिन तब तक मामला वायरल होने लायक बन चुका था।
FIR और सस्पेंशन: दोनों पक्ष मैदान से बाहर
घटना के बाद रिटायर्ड IAS मीणा ने कानोता थाने में शिकायत दर्ज कराई। वहीं, लो-फ्लोर बस के कंडक्टर घनश्याम को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (JCTSL) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस विवाद ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी है। लोग इसे “ठहाकों का थप्पड़ कांड” कहते हुए मजाकिया प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
मजेदार लेकिन गंभीर सवाल
- क्या 10 रुपये की वजह से इतना बड़ा विवाद जरूरी था?
- क्या बस कंडक्टरों को यात्रियों के साथ व्यवहार में सुधार की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए?
कहानी का निचोड़
राजस्थान का यह थप्पड़ कांड जहां हंसी का पात्र बन गया, वहीं यह यात्री और ट्रांसपोर्ट सिस्टम के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता को भी उजागर करता है। तो अगली बार बस में सफर करते वक्त, अपने स्टॉप पर उतरने की सही योजना बनाएं, क्योंकि कौन जानता है, आपका 10 रुपये भी वायरल न्यूज बन सकता है!