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पश्चिम बंगाल में 2002 के बाद से कई मतदान केंद्रों के रिकॉर्ड लापता, चुनाव आयोग और ममता सरकार आमने-सामने

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कोलकाता। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने खुलासा किया है कि पश्चिम बंगाल में साल 2002 के बाद से लगभग 100 मतदान केंद्रों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हैं। यह जानकारी सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार सवालों के घेरे में आ गई है।

आयोग इस बार SIR के लिए 2022 की मतदाता सूची को आधार मान रहा है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय इस मामले को चुनाव आयोग के संज्ञान में लाएगा और 2003 की मसौदा मतदाता सूची को नए SIR के आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति मांगेगा।

कई सूचियां क्षतिग्रस्त

सूत्रों ने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों पर 2002 के बाद के SIR रिकॉर्ड पूरी तरह अनुपलब्ध हैं, जबकि कुछ सूचियां इतनी क्षतिग्रस्त हैं कि उन्हें आयोग के सर्वर पर अपलोड करना संभव नहीं है। इनमें ज्यादातर केंद्र दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और बीरभूम जिलों में हैं—ये सभी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मजबूत गढ़ माने जाते हैं।

चार अधिकारियों का निलंबन, टकराव तेज

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब आयोग ने दो विधानसभा क्षेत्रों में तैनात चार चुनाव अधिकारियों को मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित कर दिया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने आवेदनों का निपटारा सही तरीके से नहीं किया और चुनाव पंजीकरण डेटाबेस के लॉगिन क्रेडेंशियल अनधिकृत व्यक्तियों को साझा कर डेटा सुरक्षा नीति का उल्लंघन किया। ममता बनर्जी ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए साफ कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी होने के कारण इन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके बाद आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को बुधवार शाम 5 बजे तक दिल्ली बुलाया है।

राजनीतिक असर

विशेषज्ञों का मानना है कि रिकॉर्ड लापता होने का मुद्दा चुनावी पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है और आने वाले चुनाव में यह TMC और ECI के बीच टकराव को और बढ़ा सकता है। अब निगाहें आयोग और राज्य सरकार के बीच होने वाली बैठक पर टिकी हैं, जिसके नतीजे से आगे की रणनीति तय होगी।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।

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