जयपुर। राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर जारी विवाद और गहरा गया है। राजस्थान हाईकोर्ट में भजनलाल सरकार ने साफ कर दिया है कि इस वर्ष राज्य के विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव नहीं होंगे। इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए इसे नई पीढ़ी को राजनीतिक रूप से जागरूक होने से रोकने की साजिश करार दिया।
गहलोत ने सवाल उठाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) इस मुद्दे पर मौन क्यों है। उन्होंने सभी छात्र संगठनों से अपील की कि वे इस फैसले के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें।
हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष
राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र जय राव द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 लागू होने के चलते इस सत्र में चुनाव कराना संभव नहीं है। सरकार ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा कि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के आठ सप्ताह के भीतर चुनाव करवाना संभव नहीं है।
इसके अलावा, सरकार ने कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि शैक्षणिक गतिविधियों और कक्षाओं को प्राथमिकता देने के लिए चुनाव टाले जा रहे हैं। यह फैसला जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के निशाने पर है, वहीं छात्र राजनीति में सक्रिय संगठनों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।