जयपुर। राजस्थान में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए विधानसभा में बुधवार को राजस्थान भू-राजस्व (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक 2025 पारित किया गया। इस संशोधन से अब राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (रीको) अपने अधीन भूखंडों का प्रबंधन, विनियमन और भू-रूपांतरण कर सकेगा।
मंत्री ने दी जानकारी
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि इससे राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 में संशोधन किया गया है। अब राज्य सरकार द्वारा रीको को सौंपे गए भूखंड, रीको के अधीन ही माने जाएंगे। इस कदम से औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी।
क्या होगा प्रभाव?
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रीको अपने अधीन भूखंडों का विनियमन और प्रबंधन कर सकेगा।
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औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए रीको को विशेष शक्तियां मिलेंगी।
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इससे निवेशकों को अधिक अवसर मिलेंगे और राज्य में उद्योगों का विस्तार होगा।
किन पर लागू नहीं होंगे प्रावधान?
यह संशोधन उन भूखंडों पर लागू नहीं होगा जिनका पट्टा 18 सितंबर 1979 को या उससे पहले औद्योगिक उद्देश्यों के लिए आवंटित किया गया था और जिसे राज्य सरकार या रीको ने उस तारीख को या उससे पहले निरस्त कर दिया हो।
निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत
विशेषज्ञों का मानना है कि इस संशोधन से रीको को सशक्त बनाने के साथ-साथ राजस्थान में औद्योगिक निवेश का माहौल और बेहतर होगा। हाल ही में राज्य सरकार ने लगभग 7,000 भूखंडों पर निवेशकों के लिए विशेष अवसर उपलब्ध कराने की घोषणा भी की है, जिससे यह कदम और प्रभावी साबित हो सकता है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।