राजस्थान में एक बार फिर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ा खुलासा किया है। भरतपुर ACB की टीम ने धौलपुर नगर परिषद कार्यालय पर छापेमारी करते हुए महिला AEN अधिकारी समेत 5 कर्मचारियों को 3 लाख 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि ठेकेदार का करीब 40 लाख रुपये का बिल पास कराने के एवज में रिश्वत मांगी जा रही थी।
40 लाख रुपये के बिल पर रिश्वत की मांग
भरतपुर ACB के ASP अमित कुमार ने बताया कि एक सरकारी संवेदक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि धौलपुर नगर परिषद में पदस्थ अधिकारी व कर्मचारी लगातार उनसे रिश्वत की मांग कर रहे हैं। शिकायत में महिला AEN प्रिया, वरिष्ठ सहायक भरत कुमार, वरिष्ठ सहायक नीरज, संविदा कर्मी हरेंद्र और चालक देवेंद्र पर आरोप लगाया गया था। ACB ने गुप्त तरीके से भौतिक सत्यापन कराया, जिसमें शिकायत सही साबित हुई। इसके बाद गुरुवार को नगर परिषद कार्यालय में दबिश देकर पांचों आरोपियों को 3 लाख 10 हजार रुपये की रिश्वत राशि के साथ पकड़ लिया गया।
आयुक्त की भूमिका पर भी संदेह
ASP ने बताया कि मामले में नगर परिषद आयुक्त अशोक शर्मा की भूमिका भी संदिग्ध पाई जा रही है। भौतिक सत्यापन में आयुक्त का नाम सामने आया है, जिस पर अब पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि गहन जांच के बाद सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ठेकेदार को पिछले साल से परेशान किया जा रहा था
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2024 में शहर में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति बनी थी। पानी की निकासी का ठेका एक संवेदक को दिया गया था, जिसने काम पूरा भी कर दिया था। लेकिन नगर परिषद के कर्मचारी पिछले एक साल से ठेकेदार का बिल पास करने में जानबूझकर देरी कर रहे थे और रिश्वत की मांग कर रहे थे। ACB की इस कार्रवाई से धौलपुर नगर परिषद के भ्रष्टाचार पर बड़ा पर्दाफाश हुआ है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या आयुक्त की संलिप्तता भी इस पूरे घोटाले में साबित होगी।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।