जयपुर। राजस्थान की राजनीति में शनिवार को नया सियासी तूफान खड़ा हो गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा परिसर में लगे दो हिडन कैमरे महिलाओं की जासूसी के लिए लगाए गए हैं। डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर ऐसे आरोप लग रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि “ऐसे व्यक्ति को शर्म आनी चाहिए और डूब कर मर जाना चाहिए।”
कांग्रेस का आरोप और वोट चोरी अभियान
डोटासरा का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा इन दिनों राजस्थान दौरे पर हैं और उन्होंने पीसीसी मुख्यालय में जिला अध्यक्षों, संभाग प्रभारियों और विधानसभा प्रभारियों के साथ बैठक की। इसी बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में डोटासरा ने हिडन कैमरे और स्पीकर पर निशाना साधा।
हिडन कैमरों का मामला
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि विधानसभा में लगे अतिरिक्त कैमरे सामान्य रिकॉर्डिंग के लिए नहीं, बल्कि विपक्षी विधायकों, खासकर महिला विधायकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगाए गए हैं। डोटासरा ने दावा किया कि इन कैमरों का कंट्रोल सीधे स्पीकर के चैंबर से होता है और एक्सेस केवल स्पीकर और उनके निजी सचिव के पास है।
अशोक गहलोत का बयान
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले को ‘गंभीर अपराध’ बताया। गहलोत ने कहा कि यह लोकतंत्र और संवैधानिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन है। “जब सदन स्थगित हो चुका हो और कैमरे फिर भी चालू रहें, तो यह संदेह पैदा करता है कि इनका उद्देश्य केवल निगरानी करना है। यह बेहद खतरनाक और निंदनीय है।”
विपक्ष की आवाज
इस मुद्दे को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी जोर-शोर से उठाया। जूली ने सदन में सवाल किया कि इन अतिरिक्त कैमरों का नियंत्रण किसके पास है और इन्हें विपक्ष की निगरानी के लिए क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने राज्यपाल को भी इस मामले की शिकायत भेजी है और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
सियासी असर
डोटासरा का यह बयान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा के बीच नए सियासी टकराव की नींव रखता दिख रहा है। भाजपा जहां कांग्रेस पर ‘झूठ फैलाने और राजनीतिक फायदा उठाने’ का आरोप लगा सकती है, वहीं कांग्रेस इस मामले को जनता के बीच लेकर जाने की तैयारी में है। यह मामला अब केवल विधानसभा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले दिनों में चुनावी मंचों पर भी गूंज सकता है।
राजस्थान की राजनीति में यह विवाद नया मोड़ लेकर आया है और सत्तापक्ष व विपक्ष दोनों के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार और विधानसभा अध्यक्ष इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या इस मामले में किसी तरह की जांच शुरू की जाती है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।