पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे अब पटना में डीएम और एसपी आवास के पास भी घटनाओं को अंजाम देने से नहीं डर रहे। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि सचिवालय के सामने गोलियां चल जाती हैं, नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म और हत्या हो जाती है, लेकिन सरकार अब भी दावा करती है कि “सब कुछ ठीक है” और अपराध नियंत्रण में है।
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि लालू प्रसाद के शासनकाल में कानून व्यवस्था बेहतर थी या मौजूदा सरकार में। उन्होंने कहा कि इस पर बिना डेटा बहस नहीं हो सकती। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि लालू-राबड़ी शासनकाल की तुलना में अब अपराध की घटनाएं कम होने के बजाय बढ़ गई हैं। उन्होंने उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि राजधानी पटना में डीएम और एसपी आवास के पास हुई इस वारदात ने कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पटना में लगातार फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं, बच्चियों के साथ रेप के बाद इलाज न मिलने से उनकी मौत हो जाती है, लेकिन सरकार अपराधियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती। तेजस्वी ने आनंद मोहन पर भी तंज कसा और कहा कि दलित डीएम के हत्यारे को कानून बदलकर जेल से बाहर निकालना और मोकामा गोलीकांड जैसे मामलों में कमजोर वकील खड़ा करना इस बात का सबूत है कि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज की स्थिति यह है कि बिहार में अपराधी “विजय” और “सम्राट” बन गए हैं। जब पुलिस अधिकारी खुद अपराध को किसानों की बेरोजगारी का नतीजा बताते हों, तो उस राज्य की कानून व्यवस्था पर और क्या कहा जा सकता है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।