झालावाड़ स्कूल हादसे में मृतक बच्चों के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग पर अनशन कर रहे युवा नेता नरेश मीणा को पुलिस ने शुक्रवार को अनशन स्थल से उठाकर SMS अस्पताल में भर्ती करवा दिया। नरेश मीणा पिछले सात दिनों से शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठे थे। लगातार स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद पुलिस ने उन्हें ICU में एडमिट कराया। पुलिस की इस कार्रवाई का मीणा समर्थकों ने विरोध किया है।
समर्थकों का विरोध, खाचरियावास का ट्वीट
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने ट्वीट कर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, “झालावाड़ की त्रासदी के बाद मासूम बच्चों के परिजनों के साथ अन्याय किया गया। सरकार ने पीड़ित परिवारों को बकरियां देकर उनका अपमान किया है, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “संविधान हमें आंदोलन और अनशन का अधिकार देता है। ऐसे में सरकार आंदोलन कर रहे नेताओं को लाठी-डंडों के जोर से क्यों उठाना चाहती है? मुख्यमंत्री भजनलाल को इस मामले में उचित कार्रवाई करनी होगी और हर पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवज़ा देना ही होगा।”
सरकार पर बढ़ रहा दबाव
झालावाड़ स्कूल हादसे में दिवंगत हुए बच्चों के परिजनों को मुआवज़ा और न्याय दिलाने की मांग को लेकर नरेश मीणा और पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा अनशन कर रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार पीड़ित परिवारों की भावनाओं की अनदेखी कर रही है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।