राजस्थान में हाल ही में भाजपा सरकार द्वारा रद्द किए गए 9 नवगठित जिलों को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से एक बड़ा निर्णय सामने आया है। शिक्षा विभाग ने इन जिलों में खोले गए प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा कार्यालयों को बंद करते हुए कुल 216 पदों को समाप्त करने का आदेश जारी किया है।
यह निर्णय उस प्रक्रिया का हिस्सा है जिसमें राज्य सरकार द्वारा पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में गठित नए जिलों को समाप्त किया गया था। अब प्रशासनिक ढांचे के पुनर्गठन के चलते शिक्षा विभाग ने भी इन क्षेत्रों में अपने कार्यालयों को बंद करना शुरू कर दिया है।
किन जिलों में बंद हुए कार्यालय?
भाजपा सरकार ने अनूपगढ़, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीमकाथाना, सांचौर और शाहपुरा जैसे नवगठित जिलों को निरस्त कर दिया था। कांग्रेस सरकार के समय इन जिलों में प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के 18 कार्यालय (प्रत्येक श्रेणी के 9-9) खोले गए थे।
अब इन कार्यालयों को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है। विभाग द्वारा पिछले महीने ही इन कार्यालयों का सामान समेटा जा चुका था और अब वहां कार्यरत स्टाफ को भी हटा दिया गया है।
कौन-कौन से पद हुए समाप्त?
शिक्षा विभाग के आदेशानुसार जिन 216 पदों को समाप्त किया गया है, उनमें निम्न श्रेणियां शामिल हैं:
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जिला शिक्षा अधिकारी
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सहायक लेखाधिकारी
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प्रशासनिक अधिकारी
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सहायक प्रशासनिक अधिकारी
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कनिष्ठ लेखाकार
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वरिष्ठ सहायक
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कनिष्ठ सहायक
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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
यह फैसला राज्य के प्रशासनिक ढांचे के पुनर्गठन की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि, इससे प्रभावित कर्मचारियों और अधिकारियों को लेकर आगे की कार्ययोजना क्या होगी, इस पर अभी कोई स्पष्टता नहीं है।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल
यह फैसला राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है। जहां भाजपा इसे प्रशासनिक व्यय में कटौती और व्यवस्था को सरल करने की दिशा में कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे पूर्व सरकार की नीतियों को पलटने और शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगा रहा है। अब देखना यह होगा कि इन पदों की समाप्ति के बाद शिक्षा व्यवस्था पर क्या असर पड़ता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहले जिला कार्यालय चालू थे।
