रणथंभौर अभयारण्य में टाइगर अटैक की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब जैन मंदिर में नियुक्त 60 वर्षीय कर्मचारी राधेश्याम माली के लापता होने से फिर बाघ हमले की आशंका गहरा गई है। राधेश्याम माली बीती रात से गायब हैं और अभी तक उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची हैं और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है।
दो महीने में तीसरी घटना, टाइगर मूवमेंट बना हुआ है लगातार
गौरतलब है कि रणथंभौर अभयारण्य और दुर्ग क्षेत्र में पिछले दो महीनों में यह तीसरी घटना है। 16 अप्रैल को एक बाघिन के हमले में 7 वर्षीय बालक की जान चली गई थी। इसके बाद 11 मई को रेंजर देवेंद्र चौधरी टाइगर अटैक का शिकार बने। रणथंभौर दुर्ग क्षेत्र में अक्सर बाघिन रिद्धि अपने शावकों के साथ देखी जाती है। माना जा रहा है कि क्षतिग्रस्त दुर्ग की दीवारें बाघों के प्रवेश में सहायक हो रही हैं, जिसकी मरम्मत अब तक नहीं हो सकी है।
ग्रामीणों का आक्रोश: गणेश धाम गेट किया बंद
राधेश्याम माली के लापता होने की सूचना के बाद शेरपुर-खिलचीपुर गांव के लोगों में भारी आक्रोश फैल गया। स्थानीय ग्रामीण और पीड़ित परिवार के लोग बड़ी संख्या में गणेश धाम के मुख्य गेट पर जमा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने सुबह की सफारी से लौट रहे पर्यटकों के वाहनों को भी बाहर नहीं निकलने दिया। हालात को देखते हुए मौके पर वन विभाग के अधिकारी और पुलिस बल तैनात किया गया है।
जिम्मेदार कौन? उठने लगे सवाल
लगातार हो रही टाइगर अटैक की घटनाओं के बाद वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन क्षेत्र से सटे गांवों में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं और न ही बाघों की बढ़ती आवाजाही को रोकने के कोई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
वन विभाग की चुप्पी
वन विभाग की ओर से अभी तक राधेश्याम माली के लापता होने को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि सर्च ऑपरेशन जारी है और विभागीय टीमें घटना स्थल के आसपास के क्षेत्र में बारीकी से जांच कर रही हैं। रणथंभौर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में बढ़ती बाघों की सक्रियता और मानव जीवन पर खतरे को देखते हुए अब वक्त है कि प्रशासन ठोस कदम उठाए। वरना टाइगर अटैक्स की यह श्रृंखला और भी भयावह रूप ले सकती है।
