सास ससुर और साली की यातनाओं से तंग आकर घरजमाई ने लगाई फांसी – दामाद से झाड़ू-पोंछा और गोबर डलवाते थे

सीकर जिले के उद्योग नगर स्थित गोकुलपुरा गांव के एक परिवार के युवक ने खेत में पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जान देने से पहले युवक ने एक पत्र छोड़ा जिसमें उसने अपने ससुर, सास और साली को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है. पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की और जांच शुरू की। युवक ने अपने हाथ से लिखे पत्र में लिखा कि इन लोगों ने उसे तीन साल तक नौकर के तौर पर रखा। ये लोग मुझसे झाड़ू- पोंछा तक करवाते हैं।

मोलहंद बिजारणियां (26) के चचेरे भाई देवीलाल ने बताया कि उसके भाई की 2020 में शादी हुई थी। शादी के बाद वह घर जमाई बनकर रह रहा था। उसके ससुराल वालों ने तीन साल तक उसके साथ दुर्व्यवहार किया। इससे मोलचंद नाराज हो गया और उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिन लोगों ने ये काम किया उन्हें जल्द से जल्द पकड़ा जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

मूलचंद सीकर के मंडावरा गांव के रहने वाले थे. उनके पिता मदन लाल की मृत्यु हो गई थी। बड़ा भाई बंशीलाल एक फैक्ट्री में मैकेनिक का काम करता है और छोटा भाई हेमराज खेती का काम करता है। मूलचंद की शादी उसके चाचा ने तीन साल पहले तय की थी। परिजनों का कहना है कि जिस लड़की से उसने शादी की है वह भी मानसिक रूप से कमजोर है।

मृतक के पास एक पत्र मिला। जिसमें लिखा है-‘मैं मूलचंद बिजारणियां पूरे होश हवाश में लिख रहा हूं कि मेरी मौत का जिम्मेदार मेरे ससुर साबूलाल, सास प्रेमलता और साली सुप्रिया हैं। ये तीनों मुझे और मेरे परिवार को तीन साल से परेशान कर रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि शादी के वक्त दिए गए पैसों की एफडी दीपू के नाम पर होनी चाहिए। 2 मार्च 2020 को मेरी शादी हुई थी, तब से मैं घर जमाई बनकर गोकुलपुरा में रह रहा हूं। इन लोगों ने मुझे दामाद नहीं, गुलाम बनाकर रखा. मैं उनके घर में रोटी, सब्जी, झाड़ू, पोंछा, बर्तन, टॉयलेट साफ करना, गोबर डालना, लकड़ी लाना, गेहूं साफ करना और सुबह-शाम दीपू को घुमाने का काम कर रहा हूं। उसके बाद भी इन लोगों ने मुझे चैन से नहीं रहने दिया.

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