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अखिल भारतीय समस्त पालीवाल ब्राह्मण महासम्मेलन

• पालीवाल ब्राह्मण महासभा मेवाड़ द्वारा एक स्वर में एकजुटता के लिए उठाई आवाज, दिया सामाजिक एकता और अखंडता का सन्देश

• समाज के उत्थान, समाज के नवनिर्माण और सामाजिक एकता बनाने का महासम्मेलन में लिया महासंकल्प

• देशभर के हजारों पालीवाल बंधू महाम्मेलन के बने साक्षी

• पालीवाल, मेनारिया और नागदा समाज के 3 लाख परिवारों के 15 लाख सदस्यों की इतिहास प्रबोधिनी का हुआ विमोचन

राजसमन्द : पालीवाल ब्राह्मण महासभा मेवाड़ द्वारा आयोजित पालीवाल, मेनारिया, नागदा समाज का अखिल भारतीय समस्त पालीवाल ब्राह्मण महासम्मेलन का शुभारम्भ द्वारकेश वाटिका में हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अथिति अखिल भारतीय महिला संघ की अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पालीवाल पानीपत, मिराज समूह के प्रमोद पालीवाल, चंद्रशेखर पालीवाल भाणुजा, महासभा के संस्थापक घनश्याम पालीवाल, महासभा के अध्यक्ष धर्मनारायण पालीवाल, कार्यकारी अध्यक्ष केशूलाल पालीवाल, महामंत्री भंवरलाल पालीवाल, 24 श्रेणी अध्यक्ष मांगीलाल पालीवाल, 44 श्रेणी अध्यक्ष शंकरलाल पालीवाल, 16 खेडा अध्यक्ष पूर्णशंकर पालीवाल, 12 खेडा अध्यक्ष माधव लाल पालीवाल, बड़ा पालीवाल अध्यक्ष हगामी लाल पालीवाल रहे। प्रारंभ में 25 कुण्डीय गायत्री यज्ञ के माध्यम से लक्ष्मी-रुक्मणी माता के लिए विशेष आहुतिया के साथ समाज के 101 जोड़ो ने इस महायज्ञ में भाग लिया। 11 बजे अधिवेशन का प्रारंभ हुआ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वल्लन कर कार्य्रकम का शुभारम्भ किया सभी अथितियो का स्वागत पालीवाल ब्राह्मण महासभा मेवाड़ की आयोजन समिति द्वारा मेवाड़ी पगड़ी और उपरना पहनाकर स्वागत किया गया।

स्वागत उदबोधन महासभा के अध्यक्ष धर्मनारायण पालीवाल ने संबोधित करते हुए कहा की आज इस महासम्मेलन में अपूर्व एकजुटता के साथ एक नए युग के उदय का उद्घोष होने जा रहा है। मुख्य अतिथि विजय लक्ष्मी पालीवाल ने बताया कि मातृशक्ति के बिना संग़ठन शक्ति संभव नहीं है हमें महिलाओं की आर्थिक उन्नति और विकास के लिये हमे विचार करना होगा और प्रयास करने होंगे। मुख्य वक्ता व संस्थापक व सरंक्षक घनश्याम पालीवाल ने समाज जनों को संबोधित करते हुए बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में मेवाड़ से कई पालीवालों ने अपना बहुमूल्य योगदान देकर समाज को श्रेष्ठ आदर्श व पदचिह्नों पर चलने की प्रेरणा दी आज हमारे लिए यह स्वर्णिम दिन हमें वसुधैव कुटुम्ब की भावना एक ईंट एक रुपया का ध्येय मानकर एकजुटता का संदेश देता है में सभी समाज के प्रबुद्धजनों ओर मातृशक्ति से आव्हान करता हु आओ मिलकर समाज का विकास करे। मंचासीन अतिथियों द्वारा उपस्थित समाज जनों के समक्ष प्रतिनिधि सभा मे लिए गए प्रस्तावित बिंदुओं पर आधारित राजसमन्द घोषणा पत्र का वाचन का किया गया। धन्यवाद महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष केशूलाल पालीवाल ने ज्ञापित किया।

• इस अवसर पर मंच पर थे मौजूद

मुंबई से जयपाल पालीवाल, अखिल भारतीय पालीवाल संघ के महामंत्री राजेश पालीवाल, उपाध्यक्ष भंवरलाल पालीवाल, सुरेश पालीवाल, सोनीपत से मनोहर पालीवाल, भावनगर से जगदीश भाई, राजेश पांडिया, पवन कुमार, माधवलाल, भूरालाल, राकेश पालीवाल, बाबूलाल, हीरालाल रमेश पुरोहित सहित कई समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।

• इन कार्यकर्ताओं का रहा विशेष सहयोग

चुनीलाल ओडन, बद्रीलाल केलवा, सेवाराम सुन्दरचा, ओम पुरोहित, भरत डिप्टी, भगवतीलाल धर्मेटा, राजेश भागवांद, किशन मोरवड़, नारायण, जय शंकर, सूर्यकांत रिछेड़, रामनारायण, गोपाल संजय केलवा, मुकेश खरसान, जगदीश सुन्दरचा, गजेंद्र प्रतापपुरा, गिरिराज पर्वत खेड़ी, नारायण जवनाद, नरोत्तम डिप्टी, भगवतीलाल खमनोर, मनोज भागवांद, राजेश भाणुजा, दुर्गाशंकर कुंठवा, लक्ष्मीलाल वागडोला, पूर्णशंकर, रमेश सुन्दरचा, सुंदरलाल, लक्ष्मीलाल धर्मेटा, हरीश सुन्दरचा, लक्ष्मीलाल कोशीवाडा, कैलाश मण्डा की गावड़ी, राजेश, संजय, विजय, महेश देवगढ़, नीलेश धर्मेटा

• महासम्मेलन में पुरे देश के इन स्थानों से आये सामाजिक बंधू

इस महासम्मेलन में मेवाड़ में बसे 24,44,12 खेडा पालीवाल और सभी श्रेणियों 52 खेडा मेनारिया, 16 खेडा नागदा, बड़ा पालीवाल ब्राहमण राजसमन्द, नाथद्वारा, रैलमंगरा, देवगढ, आमेट, कुम्भलगढ़, उदयपुर, चितोड़गढ़, भीलवाडा, प्रतापगढ़, नीमच, मंदसोर जिलो के गाँवों के चोखले और मेवाड़ से बाहर गए समाजबंधू जो जयपुर, इंदौर, भोपाल, उज्जेन, मालवा, मध्यप्रदेश, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, महाराष्ट्र, गुजरात के अलावा पुरे देश से सभी सामाजिक बंधू और समाज के प्रतिनिधि इस महासम्मेलन के साक्षी बनें।

• राजकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर समाज को एक करने का लिया संकल्प

सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत घनश्याम पालीवाल का मन समाज के प्रति ऐसा रमा की उन्होंने अपना शेष जीवन समाज को समर्पित कर दिया और गाँव गाँव घूम पालीवाल समाज के गौरवशाली इतिहास पर शोध करने का निर्णय लिया। पालीवाल द्वारा दशको के अथक परिश्रम के बाद एक ही मूल से निकले पालीवाल , मेनारिया और नागदा ब्राह्मणों के 650 गाँवों का 1000 साल व समाज के 3 लाख परिवारों के 15 लाख सदस्यों के इतिहास को इतिहास प्रबोधिनी नामक ग्रन्थ में संजोया। पालीवाल ने गायत्री परिवार से जुड़कर राजसमन्द झील संरक्षण ऑपरेशन भागीरथ अभियान, बनास अंचल शुद्धि अभियान, पर्यावरण संरक्षण और पुष्कर में तीर्थ जागरण हेतु 84 कोस की परिक्रमा यात्रा शुरू की, यात्रा परिक्रमा मार्ग में लाखों पेड़ भी लगवाए।

• समाज के कार्फ़स फंड व स्थाई प्रकल्पों के लिए कई भामाशाहों ने उदार मन से समाज के लिए लाखो रुपये की घोषणा की।

• समाज के एक हजार युवाओं ने संभाली सम्पूर्ण आयोजन की कुशलतापूर्वक व्यवस्था।

• अखिल भारतीय समस्त पालीवाल ब्राह्मण महासम्मेलन में अपार जनसमूह के मध्य 6 एलईडी स्क्रीन के माध्यम से पहुँचाया गया कार्यक्रम।

• आयोजन को लेकर अलग जगह बने बड़े डॉम व पांडाल बने।

• समाज के प्रवासीय बंधुओ की आवासीय व्यवस्थाओं को लेकर समाज के बंधुओ की वाटिका, होटल व समाज के भवनों में की गई व्यवस्था।

• समाज का पहला गैर राजनीतिक कार्यक्रम व बिना पोस्टर व वाहन लगाए बिना जुटी सैकड़ो समाजजनों की संख्या।

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