दांई मुख्य नहर से जल प्रवाह शुरू – पूजा अर्चना के बाद छोड़ा पानी

कोटा 16 अक्टूबर। राजस्थान व मध्यप्रदेश अन्तर्राज्यीय नियंत्रण मण्डल (तकनीकी समिति) की गत् दिनों आयोजित 28 वीं बैठक में लिये निर्णयानुसार चम्बल सिंचित क्षेत्र विकास के कृषकों की मांग के अनुसार सोमवार को दांई मुख्य नहर से सायं पूजा अर्चना के बाद जल प्रवाह आरंभ किया गया।

सम्भागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह ने बताया कि नहरों में जल प्रवाह किए जाने से किसानों द्वारा बोई गई रबी की फसलों यथा गेंहू, चना, सरसों, लहसुन आदि फसलों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि चम्बल सिंचित क्षेत्र विकास की दांई एवं बांई मुख्य नहर में रबी सीजन वर्ष 2023-24 के लिए नहरों में जल प्रवाह शुरू गया है। बैठक में लिए निर्णयानुसार चम्बल सिंचित क्षेत्र विकास के कृषकों की मांग के आधार पर 20 अक्टूबर से बांई मुख्य नहर में जल प्रवाह किया जाना प्रस्तावित है।

उन्होंने बताया कि चम्बल परियोजना राजस्थान एवं मध्यप्रदेश राज्य की साझा परियोजना है। कोटा बैराज से दांई एवं बांई मुख्य नहर द्वारा राजस्थान राज्य के 2,29,000 हैक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। जिसमें दांई मुख्य नहर के अन्तर्गत 1.27 लाख हैक्टेयर एवं बांई मुख्य नहर के अन्तर्गत 1.02 लाख हैक्टेयर क्षेत्र सिंचित होता है। कोटा, बूंदी एवं बांरा तीनों जिलों में दांई मुख्य नहर से कुल 1.80 लाख किसान एवं बांई मुख्य नहर से कुल 1.10 लाख किसान लाभान्वित होते है। नहरों में जल प्रवाह किए जाने से किसानों द्वारा बोई गई रबी की फसलों यथा गेंहू, चना, सरसों, लहसुन आदि फसलों को फायदा होगा। जल प्रवाह आरंभ से पूर्व पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर एसई महावीर प्रसाद सामरिया एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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