-अदम्य साहस व संकल्प के साथ हमेशा परिवर्तन का पर्याय बना है युवा, स्वयं की शक्तियों को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माता बने: तिवारी
-हनुमान रूपी साहसी युवा को आज जामवंत रूपी प्रेरक की महती आवश्यकता है : गौतम
बूंदी, 8 दिसंबर। नेहरू युवा केंद्र युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में पुलिस लाइन रोड स्थित श्रीदेव सेवा संस्थान के प्रांगण में युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। 5 घंटे से लंबी चले युवा सम्मेलन के इस भव्य आयोजन में चार सौ से अधिक युवा संभागियों ने भाग लिया। शिक्षाविद व कवि त्रिभुवन गौतम की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन से जुड़े असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सर्वेश तिवारी मुख्य वक्ता रहे। बतौर विशिष्ट वक्ता सखी वन स्टॉप सेंटर प्रबंधक रानू खंडेलवाल, एलिट सेवा संस्थान के सचिव राकेश माहेश्वरी, कला संस्कृति विशेषज्ञ संस्थान निदेशक राधेश्याम गुर्जर मंचासीन रहे। युवा जोश व तालियों की गड़गड़ाहट के बीच आयोजन में युवाओं से वार्ता, प्रत्यक्ष संवाद, परिचर्चा व प्रश्नोत्तरी द्वारा उन्हें अमृतकाल से जुड़े पंच प्रण द्वारा राष्ट्रविकास श्रृंखला से जोड़ा गया व विकसित स्वर्णिम भारत निर्माण की शपथ दिलाई गई।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए युवा विकास के अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों से जुड़े मोटिवेटर डॉ सर्वेश तिवारी ने युवाओं को प्रेरक प्रसंगों के साथ युवा विकास का पाठ पढ़ाया। मानसिक विकास से अपने डर, झिझक, प्रतिस्पर्धात्मक तनाव व असफलता से उबरकर आत्म सशक्तिकरण की तकनीक से रूबरू करवाया। उन्होंने कहा कि युवाओ ने हमेशा अदम्य, साहस व संकल्प शक्ति से राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है। आज कठोर प्रतिस्पर्धा के दौर में युवा का विचलन चिंतनीय है। युवा घबराएं नहीं स्वयं की शक्ति को पहचाने व जागृत होकर राष्ट्र निर्माण में भागीदार बने। अध्यक्ष उद्बोधन में स्काउट गाइड स्थानीय संघ कार्यकारिणी के अध्यक्ष शिक्षा की त्रिभुवन गौतम ने कहा कि आज हनुमान रूपी युवकों को जामवंत रूपी मार्गदर्शन व प्रेरक की माहिती आवश्यकता है। युवाओं की भूमिका कल भी महत्वपूर्ण थी एवं आज भी महत्वपूर्ण है लेकिन समय के साथ-साथ युवा शक्ति को समुचित दिशा न मिलने से कतिपय विचलन देखने को मिल रहा है। उन्होंने गीता दर्शन रामचरितमानस एवं विभिन्न प्रेरक प्रसंग के माध्यम से युवाओं को कर्तव्य बोध करवाया। गौतम ने आवाहन किया कि समय काल और प्रत्येक विषमता में युवा साहस ही सृजन का आधार है उसे समुचित मंच मिलना आवश्यक है। विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए तकनीकी शिक्षा विशेषज्ञ राकेश माहेश्वरी, अधिवक्ता रानू खंडेलवाल व संस्कृतिविज्ञ राधेश्याम गुर्जर ने विकसित भारत के निर्माण, एकता व एकजुटता, गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व व नागरिकों का कर्तव्य पर युवाओं को वार्ता द्वारा राष्ट्र निर्माण में भूमिका से प्रेरित किया।
मां शारदे पूजन एवं वंदन से शुरू हुए कार्यक्रम में स्वागत नृत्य के साथ माल्यार्पण व साफा बंधवाकर अतिथियों का स्वागत किया। संस्था के ओमप्रकाश गुर्जर ने स्वागत भाषण द्वारा अतिथियों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन यूथ आइकॉन गोविंद प्रजापत ने किया। नेहरू युवा केंद्र के बालू लाल वैष्णव ने आभार प्रकट किया।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता विजेताओं को किया पुरस्कृत
कार्यक्रम संयोजक भूपेन्द्र योगी ने बताया कि आयोजन में युवाओं को मेरा भारत युवा पोर्टल पर पंजीकरण व संबंधित आवश्यक जानकारी प्रदान कर युवाओं का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी किया गया। आयोजन में रोचक प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में राष्ट्र निर्माण में युवा विषयक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें अजय मीणा, अनिल जांगिड़, सलोनी गौतम, चित्रा कुशवाह, सोनाक्षी शर्मा, विपुल कुमावत व शीतल प्रजापत विजेता रहे। विजेता प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह देकर पुरुस्कृत किया गया। इस अवसर पर संस्थान के शिवराज गोचर, अशोक पारीक, अनिल जांगिड, संदीप मीणा, मनीष पुरी, सोमेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।