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ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान की धज्जियां, गंदगी से शवयात्रा निकालने को मजबूर जमवारामगढ़ के ग्रामीण

देहात क्षेत्र में स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं। यूं तो प्रांतीय क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकारें लाखों रुपये का बजट खर्च करती हैं, लेकिन इसके बाद स्थानीय निकाय की असाधारण लापरवाही देखने को मिली. ग्रामीणों ने बताया कि ताला स्थित मोक्षधाम जाने वाले आम रास्ते पर कीचड़ होने के कारण यक्ति की अंतिम यात्रा कीचड़ से होकर गुजरती है, जो मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख देती है.

समाज कोई भी हो, जिस भी समय किसी व्यक्ति की अंतिम यात्रा शुरू होती है, उसकी स्मारक सेवा परेड को पूरे समारोहों के साथ मनाया जाता है और बढ़ाया जाता है, ताकि इस मिट्टी को उठाने वाला व्यक्ति अपनी अंतिम यात्रा को अद्भुत बना सके, लेकिन यहां, जब अंतिम संस्कार सेवा होती है परेड कीचड़ से होकर गुजरती है तो कहीं इंसानियत भी शर्मसार होती नजर आती है.

बुधवार को निकटवर्ती अर्जुन प्रजापत ने बताया कि ताला निवासी देवीलाल प्रजापत के निधन के बाद जब शव यात्रा निकाली गई तो उसमें शामिल लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा। ग्रामीणों को पिछली बार 22 फरवरी को भी एक शव यात्रा को भी कीचड़ से गुजरना पड़ा था, हालांकि स्थानीय संगठन ने इन मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दिया।

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