कोटा में सुबह 6 से 8 बजे और शाम 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध, अवहेलना करने पर होगी कार्रवाई

मकर सक्रांति से पहले राजस्थान के कई इलाकों में पतंगबाजी जोरों पर है। ऐसे में कोटा कलेक्टर एमपी मीना ने कई तरह के मांझे पर रोक लगा दी है. उन्होंने क्षेत्र के आय सीमा के दायरे में धातु मांजा, पतंग उड़ाने के लिए मजबूत डोर, नायलॉन, पतंग उडाने के लिए पक्का धागा, नायलोन, प्लास्टिक मांझा जो सिंथेटिक, कांच, धातु मिश्रित चाईनीज मांझा, टोस्सीक मेटेरियल, आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर का बना हो उनके थोक व खुदरा बिक्री और उपयोग को जिले की राजस्व सीमा क्षेत्राधिकारिता में धारा 144 दंड प्रक्रिया संहिता अंतर्गत निषेध व प्रतिबंधित किया है.

लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधा रहित बनाए रखने एवं पक्षियों के लिए बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके उक्त प्रकार के मांझे एवं धागे के भंडारण, विक्रय, परिवहन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। आदेश में कहा गया है कि अवज्ञा करने पर उचित कानून के तहत कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए आम लोगों को सुबह 6 से 8 बजे तक और शाम को 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने से भी रोक दिया है। उन्होंने कहा कि उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ नियमानुसार चालानी कार्रवाई शुरू की जायेगी. उन्होंने बताया कि यह अवज्ञा 31 जनवरी की आधी रात तक लागू रहेगी.

मकर संक्रांति नजदीक आते ही कोटा में पतंगबाजी अपने चरम पर है। सुबह से ही लोग घरों की छतों पर डीजे की धुन पर नाच-गाना करते हैं और शोर-शराबे के बीच पतंग उड़ाते हैं। दरअसल हाल ही में चीनी मांझे के कारण कई लोगों की मौत हो गई है और कई पक्षी मर गए हैं। ऐसे में इस बार संगठन का सख्त रवैया देखने को मिल रहा है.

कोटा के अलावा जयपुर में भी मकर सक्रांति के मौके पर पतंगबाजी बड़े पैमाने पर की जाती है। 14 जनवरी को सुबह से ही लोग अपने घरों की छतों पर नजर आते हैं और देर शाम तक पतंग उड़ाते हैं।

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