यौन उत्पीड़न के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम की तबीयत बिगड़ गई। उन्होंने सीने में तेज दर्द की शिकायत की, जिसके बाद आसाराम को एम्स में भर्ती कराया गया. आसाराम को दर्द की परेशानी होने पर पहले उसे जेल डिस्पेंसरी ले जाया गया था, जहां से उन्हें एम्स भेज दिया गया. हाल ही में आसाराम को इसी समस्या के लिए दो बार यहां लाया गया था।
आसाराम इस समस्या के लिए एंजियोग्राम कराने को तैयार नहीं हैं. वह चाहते हैं कि उनका इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से हो। पैरोल के लिए दायर प्रार्थना पत्र पर अभी निर्णय नहीं हुआ है, जिसके चलते उसे जेल में ही उपचार लेना पड़ रहा है।
आसाराम को नवंबर में दो बार और दिसंबर में एक बार एम्स लाया गया था. उनका परीक्षण किया गया था, लेकिन उन्हें उपचार पर विश्वास नहीं था। आयुर्वेद पद्धति से ही उपचार करवाना चाहता है, जिसके चलते डॉक्टर कोई प्रोसिजर नहीं कर पाते हैं। जेल में बंद आसाराम को बचाने की अब तक कई कोशिशें हो चुकी हैं, लेकिन कोई मदद नहीं कर पा रहा है. सुरक्षा के बाद सशर्त रिहाई की भी प्रक्रिया की जाती है. चूंकि हाल ही में दायर जेल याचिका में कोई विकल्प नहीं था, इसलिए आसाराम ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
इस मामले पर दिसंबर में सुनवाई हुई थी. इस बीच, आसाराम ने महाराष्ट्र के खपोली में माधवबाग आयुर्वेदिक हीलिंग सेंटर में पुलिस की निगरानी में इलाज के लिए याचिका दायर कर जमानत की मांग की, जिस पर अदालत ने 5 जनवरी को सुनवाई की। 9 जनवरी को इसकी घोषणा की गई। 9 जनवरी को आसाराम ने कहा कि उनकी बीमारी जारी है। जेल में रहने के दौरान उनकी हालत खराब हो गई और हाल ही में जेल में रहने के दौरान वह दो बीमारियों से पीड़ित थे। इस मामले पर अदालत की पुष्टि फिलहाल सुरक्षित रखी गई है।